श्रीगोरीलाल कुंज में धूमधाम से संपन्न हुआ पंच दिवसीय चंदिया महोत्सव

वृन्दावन।प्रेम गली स्थित ठाकुर श्रीगोरीलाल कुंज में गद्दीस्थ सप्तम आचार्य स्वामी गोविन्ददेव महाराज का 323 वां तथा स्वामी बालकदास महाराज का 81वां पंच दिवसीय वार्षिक पाटोत्सव (चंदिया महोत्सव) वर्तमान महंतश्री स्वामी किशोर दास देवजू महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया

श्रीगोरीलाल कुंज में धूमधाम से संपन्न हुआ पंच दिवसीय चंदिया महोत्सव

श्रीगोरीलाल कुंज में धूमधाम से संपन्न हुआ पंच दिवसीय चंदिया महोत्सव 

वृन्दावन।प्रेम गली स्थित ठाकुर श्रीगोरीलाल कुंज में गद्दीस्थ सप्तम आचार्य स्वामी गोविन्ददेव महाराज का 323 वां तथा स्वामी बालकदास महाराज का 81वां पंच दिवसीय वार्षिक पाटोत्सव (चंदिया महोत्सव) वर्तमान महंतश्री स्वामी किशोर दास देवजू महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।जिसके अंतर्गत ठाकुर विग्रहों का अत्यंत भव्य, नयनाभिराम व चित्ताकर्षक श्रृंगार किया गया।

साथ ही उन्हें 56 भोग निवेदित किए गए।तत्पश्चात श्रीहरिदासी संप्रदाय के संतों द्वारा मंगल बधाई समाज गायन किया गया।इसके अलावा संत, ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा आदि के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।महंतश्री स्वामी किशोर दास देवजू महाराज ने कहा कि गोरीलाल कुंज में चंदिया महोत्सव मनाने की परम्परा अत्यन्त प्राचीन है।इस परम्परा को हमारे पंचम आचार्य स्वामी नरहरि  दास देव महाराज ने एक कुंतल उड़द की दाल से प्रारंभ किया था।जिसकी मात्रा अब बहुत अधिक हो गई है।


बाबा अलबेली शरण महाराज (मुखियाजी) ने कहा कि प्राचीन गोरीलाल कुंज श्रीहरिदासी संप्रदाय का प्रमुख केंद्र है।यहां रसिक अनन्य नृपति श्रीस्वामी हरिदास देवजू महाराज की परंपरा के पंचम आचार्य श्रीस्वामी नरहरिदास देवजू महाराज के सेव्य ठाकुर श्रीगोरीलाल जू महाराज विद्यमान हैं।वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि ठाकुर गोरीलाल कुंज के गद्दीस्थ सप्तम आचार्य स्वामी गोविन्ददेव महाराज का 323 वां तथा स्वामी बालक दास देवजू महाराज भगवतप्राप्त संत थे।इस स्थान की समूचे देश में अत्यधिक मान्यता है।इसीलिए देश के विभिन्न प्रांतों से असंख्य भक्त-श्रद्धालु यहां आते हैं।


महोत्सव में विश्वविख्यात भागवताचार्य डॉ. श्याम सुन्दर पाराशर, संत बिहारी दास महाराज, जुगल दास महाराज, घनश्याम दास महाराज, बाबा मनोहर दास महाराज, संगीताचार्य स्वामी देवकीनंदन शर्मा, भागवताचार्य मुकेश मोहन शास्त्री, रासाचार्य स्वामी जयप्रिया शरण महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, राधिका दास महाराज, बाबा श्यामदास महाराज, सौरभ पांडेय, ब्रजेंद्र प्रताप सिंहैंजू (पन्ना, मध्यप्रदेश), प्रदीप सोहनी (ग्वालियर), अनिल तिवारी (सागर), अमित मिश्रा(सागर) प्रभात मिश्र, आदित्य पांडेय, अंकुर नायक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।