क्या खत्म होगी दिल्ली की टोल जाम की टेंशन? विशेषज्ञों ने मांगा समाधान, उठी टोल हटाने की मांग
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में टोल नाकों पर लगने वाले जाम और उससे होने वाले वायु प्रदूषण को लेकर विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता जताई है।

क्या खत्म होगी दिल्ली की टोल जाम की टेंशन? विशेषज्ञों ने मांगा समाधान, उठी टोल हटाने की मांग
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में टोल नाकों पर लगने वाले जाम और उससे होने वाले वायु प्रदूषण को लेकर विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता जताई है। एमसीडी द्वारा संचालित 13 प्रमुख टोल प्वाइंट्स पर रोजाना जाम की स्थिति रहती है, जिससे दिल्ली में प्रवेश करने वाले लोगों को परेशानी, देरी और बढ़ते प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।
इन टोल नाकों पर वसूले जाने वाले टोल टैक्स और पर्यावरण क्षति पूर्ति शुल्क (ईसीसी) की वजह से भारी मालवाहक वाहन घंटों तक लाइन में खड़े रहते हैं। इससे न सिर्फ वायु प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि लोग तनाव व दुर्घटनाओं का भी शिकार होते हैं।गौरतलब है कि वर्ष 2018 में 80 करोड़ रुपये की लागत से रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID) लगाई गई थी ताकि टोल वसूली में तेजी लाई जा सके, लेकिन यह व्यवस्था कारगर नहीं हुई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति के पूर्व अपर निदेशक डॉ. सुशील कुमार त्यागी का कहना है कि अब समय आ गया है कि टोल व्यवस्था को हटाकर कोई वैकल्पिक समाधान तलाशा जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि टोल या ईसीसी की वसूली वाहन खरीदते समय या वार्षिक शुल्क के रूप में की जानी चाहिए।इसी समिति के पूर्व निदेशक डॉ. डी शाह ने भी नियमों के पालन में लापरवाही को समस्या की जड़ बताया और कहा कि यदि टोल हटाने से समस्या का समाधान होता है, तो यह कदम उठाना जरूरी है।
दिल्ली में फिलहाल 156 टोल प्वाइंट हैं, जिनमें से 13 टोल नाकों – जैसे आयानगर, कापसहेड़ा, शाहदरा फ्लाईओवर, डीएनडी फ्लाईओवर, गाजीपुर, कुंडली आदि – से ही 85 प्रतिशत व्यावसायिक वाहन दिल्ली में प्रवेश करते हैं। निगम को इनसे सालाना करीब 800 करोड़ रुपये की आमदनी होती है।
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