आंदोलन रहेगा जारी : संयुक्त किसान मोर्चा ने की आपातकालीन बैठक 30 से ज्यादा किसान संगठन हुए शामिल
किसान आंदोलन के चलते लगातार किसान अपनी गिरफ्तारी दे रहे हैं। वही संयुक्त किसान मोर्चे की आज एक आपातकालीन बैठक अट्टा गुजरान गांव में हुई।
संयुक्त किसान मोर्चा ने की आपातकालीन बैठक, 30 से ज्यादा किसान संगठन हुए शामिल
किसान आंदोलन के चलते लगातार किसान अपनी गिरफ्तारी दे रहे हैं। वही संयुक्त किसान मोर्चे की आज एक आपातकालीन बैठक अट्टा गुजरान गांव में हुई। बैठक में 30 से अधिक किसान संगठन एक साथ मौजूद रहे और सभी ने आंदोलन को आगे बढ़ाने और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही बैठक में सभी किसान संगठनों ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा पहले की तरह आज भी एकजुट है।
इस घटना के बाद और ज्यादा मजबूत और अपना हक लेने के लिए तत्पर है।
दरअसल, शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चे के द्वारा एक आपातकालीन बैठक अट्टा गुजरान गांव में बुलाई गई। इस बैठक में भारतीय किसान टिकैत, जय जवान जय किसान, भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत, अखिल भारतीय किसान सभा, सिस्टम सुधर संगठन, भारतीय किसान एकता, किसान एकता महासंघ, भारतीय किसान परिषद, भारतीय किसान यूनियन भानू, भारतीय किसान यूनियन अखंड, भारतीय किसान यूनियन कृषक शक्ति, किसान यूनियन अजगर, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा, किसान एकता महासंघ, भारतीय किसान यूनियन मंच और भारतीय किसान यूनियन संपूर्ण भारत सहित लगभग 30 से अधिक संगठन मौजूद रहे। बैठक में मौजूद सभी किसान संगठनों ने एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। जिसके चलते लगातार आंदोलन को आगे बढ़ने का भी निर्णय लिया है।
भारतीय किसान यूनियन (सम्पूर्ण भारत) के प्रदेश अध्यक्ष चौ0 पवन तेवतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में किसानों द्वारा निर्णय लिया गया
कि पुलिस की बर्बरता तथा माहौल को तुरंत समाप्त किया जाए। साथ ही साथ जो किसान और किसान नेता जेल में बंद है उन्हें तुरंत बिना शर्त रिहा किया जाए। इसके साथ ही एक सद्भाव पूर्ण माहौल तैयार किया जाए जिससे वार्ता और संवाद का माहौल तैयार हो सके। लोकतंत्र के सभी पक्षों के अधिकार सुरक्षित किया जाए क्योंकि धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपनी बात रखना हमारा संवैधानिक अधिकार है।किसानों ने कहा कि बैठक के माध्यम से सभी को यह भी अवगत कराना चाहते हैं कि संयुक्त किसान मोर्चा पहले की तरह आज भी एकजुट है। किसानों की गिरफ्तारी की इस घटनाक्रम के बाद और ज्यादा मजबूत और अपने हक लेने के लिए तत्पर है।
शासन, प्रशासन और सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक निर्णय लिए जाने की स्थिति में संयुक्त किसान मोर्चा दोबारा कोई बड़ा निर्णय लेने के लिए विवश होगा।