चार्जिंग स्टेशन बनने दो फिर दौड़ेंगी बिजली की कारें

चार्जिंग स्टेशन बनाने की दिशा में हरियाणा से एक अच्छी खबर आयी है। राज्य सरकार ने स्टेट हाइवे और नेशनल हाइवेज पर बने 580 बिजलीघरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का मन बनाया है।

चार्जिंग स्टेशन बनने दो फिर दौड़ेंगी बिजली की कारें

टॉकिंग पॉइंट्स 

-- नरविजय यादव

भविष्य इलेक्ट्रिक वाहनों का है। लेकिन अभी ये वैसे लोकप्रिय नहीं हैं जैसे पेट्रोल या डीजल के वाहन होते हैं। इस मामले में दो प्रमुख बाधाएं हैं। एक तो बिजली चालित वाहनों की कीमत पेट्रोल डीजल वाले वाहनों से अधिक है, दूसरे, शहर में और हाइवेज पर चार्जिंग स्टेशनों का अभाव है। रास्ते में बैटरी डाउन हो जाये तो वाहन को चार्ज कहां किया जाये? जब तक इसका मुकम्मल इंतजाम नहीं हो जाता, तब तक इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और लोकप्रियता में इजाफा नहीं होने वाला। वैसे बिजली से चलने वाले वाहन पर्यावरण की दृष्टि से बहुत उपयोगी हैं। इनसे न धुंआ निकलता है, न ही विषैली गैसें। इनमें दोपहिया और चौपहिया दोनों तरह के वाहन शामिल हैं।

चार्जिंग स्टेशन बनाने की दिशा में हरियाणा से एक अच्छी खबर आयी है। राज्य सरकार ने स्टेट हाइवे और नेशनल हाइवेज पर बने 580 बिजलीघरों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का मन बनाया है। इसके लिए 2022 में बिजलीघरों में ही चार्जिंग कंपनी को कुछ जमीन किराये पर दी जानी है। चार्जिंग स्टेशनों पर चाय कॉफी की सुविधा भी रहेगी, ताकि वाहनों की चार्जिंग के दौरान वाहन चालक वहां शांति से बैठ कर इंतजार कर सकें। सबसे अधिक, 18 चार्जिंग स्टेशन दिल्ली और अम्बाला के बीच स्थापित होने हैं।

इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में देश की बड़ी कार कंपनियां भी सक्रिय हो रही हैं। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड का कहना है कि फिलहाल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बहुत कम है। पेट्रोल-डीजल वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ आने में लोगों को अभी समय लगेगा। दोनों तरह की गाड़ियों के दाम जब बराबर हो जायेंगे तब लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर बढ़ेंगे। मारुति सुजुकी ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है और उसकी पहली इलेक्ट्रिक कार अगले तीन-चार साल में बाजार में आ जायेगी। 

बिजली से चलने वाली कारों को लेकर टाटा मोटर्स भारत में सबसे आगे है। कंपनी अपनी इस पोजीशन को बरकरार रखने के लिए अगले पांच वर्षों में करीब दस नये इलेक्ट्रिक वाहन लाने की योजना बना चुकी है। अर्थात हर साल औसतन एक-दो नये मॉडल बाजार में आते रहेंगे। इसके लिए कंपनी को टीपीजी और एडीक्यू से एक अरब डॉलर का निवेश मिल चुका है। टाटा मोटर्स को विश्वास है कि जितने ज्यादा नये मॉडल बाजार में आयेंगे, उतना ही इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि होगी। शहरों को प्रदूषण मुक्त करने में ऐसे वाहनों का अहम रोल रहेगा। चंडीगढ़ में 40 इलेक्ट्रिक बसें पहले ही चल रही हैं।

उधर एपल के लिए आईफोन बनाने वाली फॉक्सकॉन कंपनी अब बिजली चालित कारों के निर्माण में भी उतरेगी। शुरुआत भारत, यूरोप और लैटिन अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन से होगी। फॉक्सकॉन ताइवान की कंपनी है। इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन पहले यूरोपीय कारखाने से होगा। इसके बाद भारत में इस तरह की कारें बनेंगी। कंपनी इलेक्ट्रिक कारों के तीन नमूने पहले ही तैयार कर चुकी है। उधर, हरियाणा सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को पहला इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर विशेष छूट प्रदान करने की घोषणा की है। हरियाणा के एक वित्त संगठन ने ई-वाहन खरीदने के लिए बाकायदा एक डिजिटल लोन प्लेटफार्म शुरू कर दिया है, ताकि लोगों को बिजली से चलने वाले दोपहिया वाहन खरीदने में सहूलियत रहे।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं। narvijayindia@gmail.com