-Ghaziabad 250 बोगस फर्म बनाकर करोड़ों की जीएसटी चोरी

Ghaziabad में फर्जी बोगस फर्म का रजिस्ट्रेशन करा जीएसटी चोरी का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में सेंट्रल जीएसटी की टीम ने एक बड़े मामले का भंडाफोड़

-Ghaziabad 250 बोगस फर्म बनाकर करोड़ों की जीएसटी चोरी

250 बोगस फर्म बनाकर करोड़ों की जीएसटी चोरी एक ही मोबाइल से सभी कंपनियां रजिस्‍टर्ड गाजियाबाद में दो अरेस्ट

गाजियाबाद। गाजियाबाद में फर्जी बोगस फर्म का रजिस्ट्रेशन करा जीएसटी चोरी का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में सेंट्रल जीएसटी की टीम ने एक बड़े मामले का भंडाफोड़ कर दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने मिलकर 250 बोगस फर्म बना रखी थीं। इसके जरिये सरकार को 150 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचा चुके थे।

मामले में सभी बोगस फर्मों को ब्लैकलिस्ट कर जांच तेज कर दी गई है। यह कार्रवाई सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर संजय लवानिया की अगुवाई में की गई। अधिकारियों ने बताया कि ANVS ट्रेडर्स, देविका टावर, चंदर नगर, गाजियाबाद के बारे में शिकायत मिली थी। जांच में 110 करोड़ रुपये के अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट का खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि दो साल की छोटी सी अवधि के दौरान माल और सेवाओं का वास्तविक उत्पादन किए बिना इस फर्म ने 621 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस जारी किए।

अधिकारियों के मुताबिक, 100 से अधिक फर्जी फर्मों का निर्माण कर उसमें 110 करोड़ रुपये के अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ लिया गया। ये फर्में छत्रपाल शर्मा की ओर से चलाई जा रही थीं। छत्रपाल ने अपनी पत्नी आशा देवी के नाम पर जीएसटी पंजीकरण कराया था।

जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि गौरव तोमर फर्जी इनवॉइस के इस रैकेट के मास्टरमाइंड के रूप में काम कर रहा था। गौरव तोमर के आवासीय परिसर की जांच की गई तो कई फर्जी GSTIN की जानकारी, उनसे संबंधित मोबाइल नंबर, ईमेल और ई-वे बिल मिले। अब तक की जांच से संकेत मिले हैं कि गौरव तोमर फर्जी फर्मों के पंजीकरण और प्रबंधन का रैकेट चलाता है ताकि इन कंपनियों के माध्यम से इन्हें अवैध रूप से बिना माल या सेवाओं के उत्पादन के ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिल सके।

जांच में पता चला कि कई GSTIN एक ही मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी से रजिस्टर्ड हैं। इस मामले में छत्रपाल और गौरव तोमर को गिरफ्तार कर मेरठ ले जाया गया है। उनके पास से कई मोबाइल और लैपटॉप भी बरामद हुए हैं। मामले में आगे की जांच चल रही है। अधिकारियों ने बताया कि फर्जी कंपनियों के पंजीकरण के खिलाफ दूसरे अखिल भारतीय अभियान में CGST कंपनियों के अस्तित्व की सचाई को टोटल रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों ने 100 से अधिक फर्मों का एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्ट्रेशन कराया था। काफी समय से इस मामले को ट्रेस किया जा रहा था। जब ज्यादा इनपुट क्रेडिट टैक्स लिया जाने लगा, तभी से इस फर्म पर नजर रखी जा रही थी। जांच में पता चला कि एक ही शख्स ने फर्म का रजिस्ट्रेशन कराया है। सभी फर्मों की जांच की गई तो पता चला कि पूरा मामला फर्जी है।जिले में स्टेट जीएसटी हो या फिर सेंट्रल जीएसटी, दोनों में बोगस फर्म का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। लेकिन, इसे कंट्रोल करने की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है।

कई बार इस दिशा में प्रयास किया गया, लेकिन बोगस फर्म पर कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस दिशा में कंट्रोल किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।