अवैध होने के बावजूद भी नोटों की माला बनाकर टांग रहे दुकान के बाहर

नगीना : शादी ब्याह का सीजन शुरू होते ही उस घर जिसमें शादी हो वहाँ की रौनके और खुशिया देखते ही बनती है।उत्तर भारत व खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शादी के वक़्त दूल्हे के गले में भारतीय करैंसी (नोटों की माला जिनकों पिनअप करके बनाया जाता है)

अवैध होने के बावजूद भी नोटों की माला बनाकर टांग रहे दुकान के बाहर

नगीना : शादी ब्याह का सीजन शुरू होते ही उस घर जिसमें शादी हो वहाँ की रौनके और खुशिया देखते ही बनती है।उत्तर भारत व खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शादी के वक़्त दूल्हे के गले में भारतीय करैंसी (नोटों की माला जिनकों पिनअप करके बनाया जाता है)डाल कर घोड़ी पर चढ़ता है,और फिर अपनी सुसराल एक शहंशाह की मानिंद जाता है।


लेकिन क्या आपको मालूम है,कि भारतीय करैंसी(नोटों)की माला बनाना रिजर्व बैंक के नियमों के खिलाफ है?उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश,पंजाब, हरियाणा,दिल्ली, उत्तर प्रदेश,आदि राज्यों में यह रिवाज लोगों को बहुत पसन्द है।यहाँ जब तक दूल्हे के गले में नोटों की माला न डाली जाये तब तक वह दूल्हा नज़र ही नहीं आता।कहीं कहीं तो सिर्फ दूल्हे के गले में नोटों की माला ही पहनते हैं।जबकि कुछ स्थानों पर तो दुल्हन को भी नोटों की माला पहनायी जाती है।विवाह शादी के परिधान जिस दुकान में मिलते हैं,उसी दुकान में नोटों की माला भी बिकती है।

 इस समय 10 रुपये, 20 रुपये और 50 व 100 रुपये 200 रुपये के नोटों की माला बड़ी तादाद में बना कर बेची जाती है।अब तो रिटायरमेंट हो या कोई अन्य खुशी या फिर किसी बच्चे का बर्थडे इन मौकों पर भी नोटों की मालाओं का जमकर प्रयोग किया जाता है।यह बात अलग है कि अमीर व्यक्ति 100,200और500 रुपये के नोटों से बने हार भी पहन रहे हैं।इस माला में करारे करारे नोटों का उपयोग होता है,इन नोटों का मूल्य भी देना पड़ता है।नोटों कीमाला के खरीदने वाले को माला बनाने की मजदूरी भी चुकानी होती है।रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा(करैंसी)नोटों की माला बनाने पर रोक है।

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस बारे में नियम बना रखा है।बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949(Banking Regulation Act, 1949)की धारा 35 ए में साफ तौर पर कहा गया है,कि भारतीय करेंसी(नोटों)का उपयोग सिर्फ व्यापार,लेन देन,वस्तुओं की खरीदारी के लिए किया जाता है।इसको(कागज़ के नोटों)की स्टेपल करना,उनकी माला बनाना,या नोट को पंडाल में लगाना आदि को सख्ती के साथ मना किया है।रिजर्व बैंक ने इस बारे में एक क्लीन नोट पॉलिसी बना रखी है।आरबीआई समय समय पर आम जनता से इस बारे में अपील भी करता रहता है,कि माला बनाने के लिए नोटों का उपयोग ना करें। ऐसा करने से नोट की उम्र घट जाती है। रिजर्व बैंक ने नोट की माला बनाने से मना तो किया है।

लेकिन ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई दंड का प्रावधान नहीं किया।रिजर्व बैंक सिर्फ अपील करके रह जाता है।इसलिए नोट की माला पहनने वालों या उसे बनाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।हालांकि कोई बैंककर्मी किसी नोट पर स्टेपल करता है, तो ऐसे में उस पर कार्रवाई हो जाती है।लेकिन कोई व्यवसायी अपने फायदे के लिए ऐसा करता है तो उस पर कोई कार्रवाई अमल में क्यों नहीं लाई जाती।