असम के 25 जिले बाढ़ से प्रभावित

गुवाहाटी, 17 जून ( असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही बरसात के चलते सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

असम के 25 जिले बाढ़ से प्रभावित

गुवाहाटी, 17 जून (। असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही बरसात के चलते
सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

बाढ़ के साथ ही भू-स्खलन ने जीवन और संपत्ति को भी काफी
नुकसान पहुंचाया है।

इस वर्ष एक महीने बाद दूसरी बार आई बाढ़ ने लोगों को बुरी तरह से डरा दिया है। पहली
बार की बाढ़ से लोग अभी उबरे भी नहीं थे कि फिर बाढ़ कहर बनकर टूटा है।


सड़क और पुल के क्षतिग्रस्त होने के चलते कई इलाकों में संपर्क व्यवस्था पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गई है।
असम की राजधानी गुवाहाटी समेत कई शहरों में भी बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। मौसम विज्ञान विभाग के


अनुसार आगामी 20 जून तक हल्की से भारी बरसात की स्थिति बनी हुई है।


लगातार बरसात के चलते राज्य में मानस, पगलादिया, पुथिमारी, कपिली, ब्रह्मपुत्र, गौरांग आदि नदियां कई इलाकों
में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। असम के कई जिलों में नदियों के किनारे बने तटबंध टूट गए हैं, जिसके


चलते भारी तबाही की स्थिति पैदा हो गई है। कार्बी आंगलोंग में स्थित जल विद्युत प्रकल्प से छोड़े गए पानी के
कारण कपिली नदी नगांव जिला के कामपुर और होजाई जिलाके में तबाही मचा रही है।


राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बीती देर रात लगभग 11 बजे के आसपास जारी सूचना के अनुसार राज्य
के 25 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें बजाली, बाक्सा, बरपेटा, बिश्वनाथ, बंगाईगांव, चिरांग, दरंग, धेमाजी, धुबरी,


डिब्रूगढ़, डिमा-हसाउ, ग्वालपारा, होजाई, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), कार्बी आंगलोंग वेस्ट, कोकराझार, लखीमपुर,
माजुली, नगांव, नलबाड़ी, शोणितपुर, तामुलपुर, उदालगुरी शामिल हैं।

वहीं दूसरी बजाली, दरंग, ग्वालपारा, कामरूप
(मेट्रो), कोकराझार, मोरीगांव, नलबाड़ी और उदलगुरी जिला शहरों में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। बीते


सोमवार से राजधानी गुवाहाटी के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से के लोग भारी जल जमाव से जूझ रहे हैं।

राज्य के 25 जिलों के 77 राजस्व मंडल के 1702 गांव प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से राज्य की कुल 1109300
जनसंख्या प्रभावित हुई है। जिसमें 170580 बच्चे, 408634 महिलाएं शामिल हैं।

वहीं बाढ़ के चलते 20141.99
हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी पानी में डूब गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 150 राहत शिविर स्थापित किये हैं। वहीं 46 राहत वितरण
केंद्रों के साथ कुल 196 राहत शिविर स्थापित किये हैं।

राहत शिविरों में कुल 68331 लोग रहे हैं। जिसमें 32672
पुरुष, 26888 महिला, 8590 बच्चे, 165 गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाएं तथा 16 दिव्यांग व्यक्ति शामिल
हैं।


बाढ़ और भूस्खलन के चलते कुल 4 व्यक्तियों की मौत हुई है। जिसमें डिमा हसाउ में 1, ग्वालपारा में 2 और
उदालगुरी जिला में 1 व्यक्ति की मौत हुई है।

बाढ़ से इंसानों के साथ ही पालतु पशु भी प्रभावित हुए हैं। प्रभावित
पशुओं की कुल संख्या 679278 बतायी गई है।

जिसमें 316494 बड़े, 186376 छोटे और 176408 कुक्कुट शामिल
हैं।


बाढ़ के दौरान 1 कच्चा मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं आंशिक रूप से 1 कच्चा, आंशिक रूप से 7
पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।

राहत एवं बचाव कार्य के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा कुल 64 नावें तैनात की
गयी हैं। नावों के जरिए बाढ़ में फंसे कुल 5840 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

इस कड़ी में 75
पशुओं को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है।

प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने कुल 46 मेडिकल टीमें
तैनात की हैं।

राहत कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, असम पुलिस, जिला प्रशासन के साथ
ही अन्य एजेंसियां भी लगातार कार्य कर रही हैं।


बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के बीच बीते गुरुवार को विभिन्न प्रकार की भोजन सामग्रियों का वितरण किया
गया, जिसमें चावल 677.52 क्वींटल, दाल 88.05 क्वींटल, नमक 59.02 क्वींटल, सरसो का तेल 2336.99 लीटर,


मवेशी का चारा (चावल की भूसी 22.50 क्वींटल शामिल है। राज्य के डिमा हसाउ, ग्वालपारा, कामरूप, कामरूप
(मेट्रो) जिलों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं।

भारी बारिश के चलते कामरूप (मेट्रो) जिला, डिमा हसाउ
समेत अन्य कई जिलों में शैक्षणिक संस्थानों को 20 जून तक बंद रखने का निर्देश प्रशासन की ओर से जारी किया
गया है।