गुरू तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व में भाग लिया

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला के रिज पर गुरू तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य पर गुरूद्वारा साहिब सभा शिमला द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार के समन्वय से आयोजित राज्य स्तरीय समागम में भाग लिया।

गुरू तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व में भाग लिया

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला के रिज पर  गुरू तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य पर गुरूद्वारा साहिब  सभा शिमला द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार के समन्वय से आयोजित राज्य स्तरीय समागम में भाग लिया।


मुख्यमंत्री ने प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गुरू तेग बहादुर जी वीरता, त्याग और पराक्रम के प्रतीक हैं। उन्हें लोग हिन्द दी चादर के नाम से भी जानते हैं।

उन्होंने मानवीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। 


उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने लोगों को त्याग और धीरज का पाठ पढ़ाया, इसलिए इस दिन को शहीदी दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान मानव के लिए प्रेरणा स्रोत रहा है और लोग उनके सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखेंगे।


जय राम ठाकुर ने कहा कि  गुरु तेग बहादुर जी सिखों के नौवें गुरु थे और उन्होंने गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को प्रचारित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि गुरू तेग बहादुर जी गुरूवाणी, धर्म ग्रंथों के साथ-साथ शस्त्र विद्या और घुड़सवारी में प्रवीण थे। वह प्रत्येक जीव के प्रति करुणा में विश्वास रखते थे, क्योंकि घृणा का परिणाम विनाश ही होता है।


मुख्यमंत्री ने  गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं पर बल देते हुए लोगों से उनके आदर्शों को अपनाने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आग्रह किया।


 इस अवसर पर गुरूद्वारा साहिब  गुरू सिंह सभा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। 


इस अवसर पर सांसद सुरेश कश्यप और प्रतिभा सिंह, हि.प्र. उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, विधायक विक्रमादित्य सिंह और गुरुद्वारा साहिब गुरु सिंह सभा हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।