--श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट ने वृन्दावन के 40 प्राचीन मंदिरों व कुंजों को दिया 10-10 हजार रुपए का सेवा अनुदान

श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन मंदिरों एवं कुंजों की सेवार्थ उनके 40 सेवायतों को ठाकुर सेवा, गौसेवा, पांडुलिपि संरक्षण, ब्रज संरक्षण व संवर्धन आदि हेतु प्रति मंदिर 10 हजार रुपए की सेवा राशि के चैक वितरित किए गए।यह चैक भविष्य में भी प्रति माह वितरित किए जाएंगे।

--श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट ने वृन्दावन के 40 प्राचीन मंदिरों व कुंजों को दिया 10-10 हजार रुपए का सेवा अनुदान

श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट ने वृन्दावन के 40 प्राचीन मंदिरों व कुंजों को दिया 10-10 हजार रुपए का सेवा अनुदान

वृन्दावन। छीपी गली स्थित ठाकुर प्रिया वल्लभ कुंज में श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन मंदिरों एवं कुंजों की सेवार्थ उनके 40 सेवायतों को ठाकुर सेवा, गौसेवा, पांडुलिपि संरक्षण, ब्रज संरक्षण व संवर्धन आदि हेतु प्रति मंदिर 10 हजार रुपए की सेवा राशि के चैक वितरित किए गए।यह चैक भविष्य में भी प्रति माह वितरित किए जाएंगे।सेवा राशि वितरण समारोह के मुख्य अतिथि अखिल भारत वर्षीय निर्मोही बड़ा अखाड़ा (श्रीहित रासमंडल) के अध्यक्ष श्रीमहंत लाड़िली शरण महाराज ने चैक वितरित करते हुए कहा कि आज के कलिकाल में प्राचीन मंदिरों व कुंजों के संरक्षण व संवर्धन की अत्यधिक आवश्यकता है।

इस संबंध में श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा इन मंदिरों व कुंजों को प्रतिमाह जो सेवा धन राशि प्रदान किए जाने का संकल्प लिया हुआ है, वो अति प्रशंसनीय है।


श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट के संरक्षक श्रीहित विष्णु मोहन नागार्च (बाबूजी) व संस्थापक अध्यक्ष श्रीहित ललित वल्लभ नागार्च ने कहा कि हमारा ट्रस्ट श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन मंदिरों व कुंजों के संरक्षण के लिए कृत संकल्पित है।क्योंकि हमारा यह मानना है कि नवीन मंदिरों के निर्माण की तुलना में प्राचीन मंदिरों, मठों व कुंजों की सेवा व उनका संरक्षण परम् आवश्यक है।ट्रस्ट के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व मंत्री तरुण मिश्रा ने कहा कि श्रीहित उत्सव चैरिटेबल ट्रस्ट अपने श्याम कुटी (परिक्रमा मार्ग) स्थित मुख्यालय धीर-समीर पर वर्ष के बारहों महीने व्यापक जनहित के विभिन्न सेवा प्रकल्प संचालित करके युद्ध स्तर पर समाजसेवा के अनेकों कार्य कर रहा है।क्योंकि हम सभी नर सेवा को ही नारायण सेवा मानते हैं।


इस अवसर पर ठाकुर प्रिया वल्लभ कुंज की मुख्य संरक्षक दादीमां कमला देवी नागार्च, श्रीहितश्रम सत्संग भूमि की सचिव साध्वी हितप्रिया किंकरी, भागवताचार्य श्रीहित रसिक वल्लभ नागार्च, प्रमुख शिक्षाविद् डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा, श्रीहित चंद्रमोहन नागार्च, आचार्य रासबिहारी मिश्रा, आचार्य जुगल किशोर शर्मा, आचार्य तरुण किशोर गोस्वामी व डॉ. राधाकांत शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।


इससे पूर्व राधावल्लभीय समाज मुखिया श्रीहित ललित शर्मा की मुखियायी में मंगल बधाई समाज गायन हुआ।साथ ही संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा हुआ।जिसमें सैकड़ों व्यक्तियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया।समारोह में श्रीहित मुन्नी बाई, भरत शर्मा, गोपाल गौड़, हितवल्लभ नागार्च, हितानंद नागार्च, रसानंद नागार्च, अलबेली शरण, कमल दास, गणेश, मदन गोपाल व नटवर आदि की उपस्थिति विशेष रही।