10 संकल्पों के साथ एक-दूजे के हुए सुरविंदर और प्रिया बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई

गाजियाबाद। मौका था एक ऐसे अनूठे विवाह समारोह का, जहां परंपरा, पर्यावरण और सामाजिक जागरूकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।

10 संकल्पों के साथ एक-दूजे के हुए सुरविंदर और प्रिया बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई

10 संकल्पों के साथ एक-दूजे के हुए सुरविंदर और प्रिया बैलगाड़ी से हुई दुल्हन की विदाई

गाजियाबाद। मौका था एक ऐसे अनूठे विवाह समारोह का, जहां परंपरा, पर्यावरण और सामाजिक जागरूकता का अद्भुत संगम देखने को मिला। गाजियाबाद के रईसपुर गांव के रहने वाले सुरविंदर किसान का प्रिया चौधरी का विवाह सामाजिक महोत्सव के रूप में संपन्न हुआ।

यह विवाह सिर्फ एक रस्म नहीं था, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मकता का संदेश देने वाला एक प्रेरणादायक आयोजन बना, जिसमें सामाजिक, किसान, पर्यावरणविद, धार्मिक, राजनीतिक वर्ग के लोगों ने हिस्सा लेते हुए मुक्त कंठ से इस पहल को सराहा। यह विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं था, बल्कि समाज को नई दिशा देने का एक प्रयास था।

विवाह समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने इस पहल की सराहना की और इसे एक आदर्श विवाह करार दिया। एक पंड़ाल में सभी संकल्पों के लिए बैनर लगे के साथ साज-ओ सामान रखे थे।विवाह समारोह को पूरी तरह ईको-फ्रेंडली बनाने के लिए वर-वधु ने विशेष प्रयास किए, जहां आमतौर पर शादियों में महंगे उपहारों और आडंबर का बोलबाला होता है।

 वहीं इस विवाह में वधु पक्ष ने पौधों को उपहार स्वरूप भेंट किया। यह पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आई। समारोह में प्लास्टिक और आतिशबाजी का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया गया, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।

समारोह में लोक संगीत का विशेष स्थान रहा। रागिनी गायकों और शहनाई वादन ने समा बांध दिया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम ने विवाह को एक पारंपरिक उत्सव का रूप दे दिया। लोगों ने इस आयोजन का भरपूर आनंद उठाया और ग्रामीण संगीत की मिठास में खो गए।इस अनूठे विवाह को सोशल मीडिया पर भी खूब सराहा गया। विवाह समारोह की लाइव कवरेज के कारण यह आयोजन चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने इसे समाज में बदलाव लाने वाला कदम बताया और अन्य लोगों से भी ऐसे आयोजन करने की अपील की।

गाजियाबाद के इस विवाह ने दिखा दिया कि शादियां सिर्फ भव्यता और खर्च का प्रदर्शन नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का माध्यम भी हो सकती हैं। सुरविंदर किसान और प्रिया चौधरी का यह विवाह निश्चित रूप से समाज में जागरूकता और सकारात्मकता की नई लहर पैदा करेगा।

युवाओं के साथ अपने बच्चों के विवाह के बारे में सोच रहे लो जहां इस विवाह समारोह को लेकर सकारात्मक और स्वस्थ चर्चा करते नजर आए उससे यह बदलाव की बयार भी ला सकती है।