गाजियाबाद में महागुनपुरम परियोजना के बिल्डरों पर एनजीटी ने 13.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
गाजियाबाद, 10 फरवरी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गाजियाबाद में महागुनपुरम परियोजना के बिल्डरों पर पर्यावरण नियमों का घोर उल्लंघन करने पर 13.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

गाजियाबाद, 10 फरवरी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गाजियाबाद में महागुनपुरम परियोजना के बिल्डरों
पर पर्यावरण नियमों का घोर उल्लंघन करने पर 13.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
एनजीटी अध्यक्ष आदर्श
कुमार गोयल की पीठ ने हाल ही में परियोजना के प्रवर्तकों महागुन रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को राज्य प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड के पास 13,95,50,000 रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा जमा करने का निर्देश दिया।
आदेश में कहा
गया है कि परियोजना प्रस्तावक से प्राप्त भूमि के निर्माण एवं लागत की राशि 279.10 करोड़ रुपये है। इसमें
74.92 करोड़ रुपये भूमि की लागत और 204.18 करोड़ रुपये निर्माण लागत के रूप में दर्शाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट
के आदेश के अनुसार और परियोजना प्रस्तावक द्वारा किए गए उल्लंघनों की गंभीरता का आकलन करते हुए,
वर्तमान मामले में पर्यावरणीय मुआवजे की गणना परियोजना लागत के पांच प्रतिशत पर की गई है
, जिसे शीर्ष
अदालत द्वारा एक सामान्य कानून के रूप में कहा गया है। पीठ ने बिल्डर से कहा कि वह मुख्य रूप से समाज के
भीतर पर्यावरण में सुधार पर लगाए गए पर्यावरणीय मुआवजे के 50 प्रतिशत के लिए एक विस्तृत पर्यावरण मंजूरी
उपयोग योजना प्रस्तुत करे और इसका एक हिस्सा जिला अधिकारियों के पास उपयोग किया जा सकता है।
ट्रिब्यूनल ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने और 15 दिनों
के भीतर अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया।
इससे पहले 10 दिसंबर, 2021 को ग्रीन कोर्ट के
निर्देशानुसार जीडीए ने एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उसने नियमों के उल्लंघन की ओर इशारा किया था।
देखा गया
कि सोसायटी के मुख्य प्रवेश मार्ग समेत हरित पट्टी पर किसी न किसी तरह से अतिक्रमण किया गया है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित नक्शे पर पॉकेट डी के रूप में परिभाषित ग्रीन बेल्ट के हिस्से पर
एक मंदिर बनाया गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार भूखंड का क्षेत्रफल 54,630 वर्ग मीटर है।
पर्यावरण मंजूरी के
अनुसार, कुल भूखंड क्षेत्र का 15 प्रतिशत अनिवार्य रूप से हरित पट्टी विकास के लिए उपलब्ध कराया जाएगा,
जिसमें हरित पट्टी की परिधि भी शामिल है। हालांकि बिल्डर ने 15 फीसदी हरित पट्टी नहीं रखी है।
मामले की
अगली सुनवाई 25 मार्च को तय की गई है।