जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में दिव्यांग बालक की मदद कर सेना ने जीता दिल

जम्मू, 17 मार्च जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव में जन्मजात एक दिव्यांग बालक के लिए व्हीलचेयर और मासिक पेंशन की व्यवस्था करके सेना ने दिल जीत लिया है।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में दिव्यांग बालक की मदद कर सेना ने जीता दिल

जम्मू, 17 मार्च  जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव में जन्मजात एक दिव्यांग
बालक के लिए व्हीलचेयर और मासिक पेंशन की व्यवस्था करके सेना ने दिल जीत लिया है। सेना के एक
अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।


सेना के एक अधिकारी के मुताबिक मुगल मैदान के शिरी गांव के रहने वाले नौ साल के वारिस हुसैन वानी को इस
साल जनवरी में बाजार से घर लौटते समय सेना के एक गश्ती दल ने देखा था। वारिस उस समय अकेले था और
उसे पैदल चलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।


सेना के जम्मू विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, “वारिस उस समय भीषण ठंड
के कारण वारिस को चलने में काफी परेशानी हो रही थी और वह सक्षम नहीं था। तब सैनिकों ने उसे सुरक्षित घर
पहुंचाने में मदद की। वे यहीं नहीं रुके बल्कि मामले को संबंधित सिविल अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया।


इसके परिणामस्वरूप वारिस को एक व्हीलचेयर और समाज कल्याण विभाग द्वारा एक हजार रुपये की मासिक
पेंशन प्रदान की गई।“


सेना के अधिकारी ने कहा कि पैर में परेशानी होने के बावजूद वारिस की हिम्मत और इच्छाशक्ति काबिले तारीफ है
और सभी के लिए एक प्रेरणा है।


लेफ्टिनेंट कर्नल आनंद के मुताबिक अन्य बच्चों की तरह वारिस भी स्कूल जाता है और पढ़ाई करता है। वारिस
अपने अधिकतर कार्य स्वयं ही करता है। वारिस शिक्षक बनना चाहता है और भविष्य में समाज के निर्माण में
योगदान देना चाहता है।


सेना की ओर से व्हीलचेयर और मासिक पेंशन की सुविधा पाकर वारिस का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है और
शिक्षक बनने का उसका इरादा और अधिक मजबूत हो गया है।


लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, “वारिस इस समय चौथी कक्षा में पढ़ता है और अपने गांव में अन्य बच्चों
और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।“