मदरसों को आरटीई के दायरे में लाने की मांग

नई दिल्ली, 14 फरवरी शिक्षा का अधिकार (Ḥआरटीई) अधिनियम 2009 के प्रावधान को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

नई दिल्ली, 14 फरवरी  शिक्षा का अधिकार (Ḥआरटीई) अधिनियम 2009 के प्रावधान को चुनौती देते
हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

इसमें मदरसों और वैदिक पाठशालाओं को
अधिनियम के दायरे में लाने का निर्देश देने की मांग की गई है।


याचिका में कहा गया है कि धारा 1(4) और 1(5) मदरसों, वैदिक पाठशालाओं और धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाले
शैक्षणिक संस्थानों को शैक्षिक उत्कृष्टता से वंचित करती है।

उच्चतम न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई से
इनकार करने के बाद अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ता ने कहा
कि अनिवार्य शिक्षा हर बच्चे को स्कूल जाने के लिए प्रतिबद्ध करती है, लेकिन एक प्रभावी सामान्य पाठ्यक्रम की
कमी है।

अनिवार्य शिक्षा प्रणाली की पहचान पाठ्यक्रम है। इसे समान रूप से पूरे बोर्ड में लागू किया जाना चाहिए।