होटलों की खिड़कियों पर अफ्रीकी हवाओं का साया

श्रीनगर जैसे हिल स्टेशनों पर आवाजाही बढ़ने लगी थी। सैटरडे और संडे को होटलों के कमरे 80 प्रतिशत तक फुल जा रहे थे। अफ्रीका में कोविड का नया वेरिएंट मिलने की खबर से इस उत्सवी माहौल पर चिंता के बाद मंडराने लगे हैं। चूंकि, पर्यटन उद्योग की खुशहाली से तमाम अन्य व्यवसायों की किस्मत भी जुड़ी होती है, इसलिए निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह चिंता का सबब है। ठीक दो हफ्ते बाद, 15 दिसंबर

होटलों की खिड़कियों पर अफ्रीकी हवाओं का साया

होटलों की खिड़कियों पर अफ्रीकी हवाओं का साया

 

n      नरविजय यादव

 

पिछले कुछ दिनों से पर्यटन उद्योग पटरी पर लौटता दिख रहा था। लंबे इंतजार के बाद शिमला, मनाली, मसूरी व श्रीनगर जैसे हिल स्टेशनों पर आवाजाही बढ़ने लगी थी। सैटरडे और संडे को होटलों के कमरे 80 प्रतिशत तक फुल जा रहे थे। अफ्रीका में कोविड का नया वेरिएंट मिलने की खबर से इस उत्सवी माहौल पर चिंता के बाद मंडराने लगे हैं। चूंकि, पर्यटन उद्योग की खुशहाली से तमाम अन्य व्यवसायों की किस्मत भी जुड़ी होती है, इसलिए निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह चिंता का सबब है। ठीक दो हफ्ते बाद, 15 दिसंबर से इंटरनेशनल उड़ानों को हरी झंडी मिलने जा रही थी। शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस आशय की घोषणा भी कर दी थी। लेकिन, शनिवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को यात्रा प्रतिबंधों में छूट देने की समीक्षा करने को कह दिया। यह अफ्रीका से आयी खबर का असर है।

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अफ्रीका में मिले वेरिएंट को ओमिक्रोन नाम दिया है। इसे डेल्टा वेरिएंट से कई गुना ज्यादा घातक माना जा रहा है। कुछ लोग इसे बोत्सवाना भी कह रहे हैं, क्योंकि सबसे पहले यह वहीं मिला था। यूके, सिंगापुर और अब भारत ने भी अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विदेशी कमर्शियल फ्लाइट पिछले 21 माह से बंद हैं। जिन देशों की एयरलाइनों को थोड़ी छूट देने की सिफारिश की जा रही थी, उनमें दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल के अलावा यूके सहित यूरोपीय देश  शामिल थे।

 

कोविड की दूसरी लहर शांत होने के बाद, 15 अक्टूबर से विदेशी चार्टर्ड उड़ानों को भारत आने की छूट दी गयी थी। इसके बाद 15 नवंबर से अन्य उड़ानों के लिए पर्यटक वीजा देने शुरू कर दिये गये थे और 15 दिसंबर से विधिवत विदेशी उड़ानें आनी-जानी थीं। कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, बोत्सवाना आदि अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों को प्रतिबंधित कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार सोमवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, नामीबिया, लेसोथो, इस्वातिनी, मोज़ाम्बिक और मलावी के यात्रियों को आने से रोकेगा। इसी तरह, कनाडा, यूके और कई यूरोपीय संघ के देशों ने भी दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों के यात्रियों के लिए प्रतिबंध लगाये हैं।

 

भारत के कुछ राज्यों और स्थानीय अदालतों ने अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिये हैं। मुंबई के मेयर ने घोषणा की है कि दक्षिण अफ्रीका से मुंबई हवाई अड्डे पर आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन किया जायेगा। दूसरी ओर, गुजरात सरकार ने राज्य के किसी भी हवाई अड्डे पर यूरोप, ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे और हांगकांग से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य कर दिया है। इस सबका सीधा असर पर्यटन उद्योग और होटल व्यवसाय पर पड़ना स्वाभाविक है। मध्यम स्तर के होटल हों या पांच सितारा होटल, सभी का बिजनेस काफी कुछ विदेशी यात्रियों की आवाजाही पर निर्भर करता है। जब लोग ही नहीं आयेंगे तो होटल के कमरे बुक कैसे होंगे और कामधंधा लाइन पर कैसे आयेगा। यह एक बड़ा सवाल है जो होटल उद्यमियों को परेशान कर रहा है।

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नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार हैं।