138 वां महर्षि दयानंद निर्वाण दिवस एवं दीपावली पर्व संपन्न
,यह एक पक्ष है।ऋतुओं के जोड़ काल में विषाणु रोग उत्पन्न करते हैं जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंचता वहां विषाणु रहने लगते हैं घर की धूप में भी इकट्ठे विषाणु रहते हैं ऋषियों ने महायज्ञों की व्यवस्था की थी ताकि रोगों का नाश हो सके।आज हमारे सामने जो समस्याएं मुंह बाए खड़ी है उनमें एक धर्मांतरण है। उसका एक दुष्परिणाम संस्कृति को नष्ट करने का है।उस दौरान बलपूर्वक धर्मांतरण से संस्कृति नष्ट हो गई महर्षि दयानंद ने समस्त मानव जाति को यज्ञ करने का अधिकार दिया। #www.aajkamudda.comउन्होंने कहा कि धर्म जब तक जीवित रहेगा जब तक मानव सांसारिक वस्तुओं से मुक्त रहेगा। उन्होंने आ
गाजियाबाद,वीरवार,4-11-2021 को आर्य केंद्रीय सभा महानगर द्वारा आयोजित 138 वें महर्षि दयानंद निर्वाण दिवस एवं दीपावली पर्व पर महायज्ञ का आयोजन आर्य समाज नया आर्य नगर मेरठ रोड पर किया गया।धर्माचार्य रामाशंकर अचार्य के ब्रहमत्व में महायज्ञ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के स्वागत अध्यक्ष प्रसिद्ध उद्योगपति समाजसेवी श्री ओम प्रकाश आर्य जी ने सभी विद्वानों का स्वागत किया #www.aajkamudda.com
मुख्य वक्ता वैदिक विद्वान डॉ वेद पाल आर्य अजमेर ने अपने उद्बोधन में कहा की इस संसार में तीन योगी देव है, सूर्य,चंद्र,अग्नि ।अमावस्या पर चंद्र विलुप्त है,सूर्य का तेज है नहीं, तीसरा अग्नि का तेज है।पहले बहुत परंपराएं थीं। आज दीपक में, फिर मोमबत्ती में,फिर बल्व में आ गए,यह एक पक्ष है।ऋतुओं के जोड़ काल में विषाणु रोग उत्पन्न करते हैं जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंचता वहां विषाणु रहने लगते हैं
घर की धूप में भी इकट्ठे विषाणु रहते हैं ऋषियों ने महायज्ञों की व्यवस्था की थी ताकि रोगों का नाश हो सके।आज हमारे सामने जो समस्याएं मुंह बाए खड़ी है उनमें एक धर्मांतरण है। उसका एक दुष्परिणाम संस्कृति को नष्ट करने का है।उस दौरान बलपूर्वक धर्मांतरण से संस्कृति नष्ट हो गई महर्षि दयानंद ने समस्त मानव जाति को यज्ञ करने का अधिकार दिया। उन्होंने कहा कि धर्म जब तक जीवित रहेगा जब तक मानव सांसारिक वस्तुओं से मुक्त रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि हमें उनके कार्य का अनुसरण करना होगा।
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मथुरा से पधारे प्रसिद्ध भजन उपदेशक पंडित उदयवीर आर्य ने अपने भजनों से महर्षि दयानंद के गुणों का गुणगान किया।
मुख्य अतिथि श्री बालेश्वर त्यागी (पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री मंत्री उत्तर प्रदेश) ने कहा कि मैं ऋषि दयानंद विद्यापीठ का संचालन करता हूं उन्होंने कथानक समझाते हुए बताया कि जो चीज आपके पास नहीं है आप नहीं दे सकते इसलिए आपको संस्कारों को मेहनत से ग्रहण करना पड़ता है तभी हम किसी को संस्कारित कर पाएंगे।
समारोह अध्यक्ष श्री श्रद्धानंद शर्मा ने कहा कि दीपावली एक ऐतिहासिक त्योहार है उन्होंने स्वामी विरजानंद जो कि उनके गुरु थे उनको वचन दिया था कि मैं सत्य का प्रचार करूंगा उन्होंने आगे कहा कि जितने भी आर्य समाज के लोग हैं पूरे उत्साह के साथ देश प्रेम समझ कर सत्य का प्रचार करेंगे। ऋषि ने अंत समय में सबको पीछे खड़ा किया इस उद्देश्य से कि मेरे द्वारा रह गए अधूरे कार्य को आपने पूर्ण करना है तभी देश का उद्धार होगा।
केंद्रीय सभा के प्रधान श्री सत्यवीर चौधरी ने दूर दराज से पधारे प्रतिनिधियों का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त किया।
युवा कवि वैभव आर्य ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
मंच का कुशल संचालन आर्य केंद्रीय सभा के महामंत्री श्री नरेंद्र पांचाल ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री संतलाल मिश्र,सत्य पाल आर्य,डॉ प्रतिभा सिंघल,बृजपाल गुप्ता,लक्ष्मण चौहान, वीएन सरदाना सुभाष गुप्ता सुरेश कुमार गर्ग बालेश्वर विश्वकर्मा,बालमुकुंद पांचाल, रोहतास सोलंकी,कमल नारायण, वीरेंद्र धामा हिमांशु चौधरी तेजपाल आर्य,प्रवीण आर्य,सुरेश प्रसाद, इंद्रजीत भदोरिया आरडी गुप्ता, त्रिलोक शास्त्री आदि उपस्थित रहे।