यूपी पुलिस बदमाशों पर नकेल कसने के लिए रोजाना करती है मुठभेड़,लेकिन बदमाशों से बरामद किए गए जानलेवा कट्टे व कारतूस बनाने वालीं फैक्ट्री का नहीं लगा पायी पता

गाड़ियों के शीशा तोड़कर कीमती सामान चोरी करने वाले ठक ठक गैंग के 02 बदमाश पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार

यूपी पुलिस बदमाशों पर नकेल कसने के लिए रोजाना करती है मुठभेड़,लेकिन बदमाशों से बरामद किए गए जानलेवा कट्टे व कारतूस बनाने वालीं फैक्ट्री का नहीं लगा पायी पता

[ *संवाददाता, राजा मौर्य]*
*नोएडा* दिनांक 12.07.2024 को थाना सेक्टर-39 पुलिस और ठक-ठक गैंग के बदमाशो के बीच चेकिंग के दौरान हुई पुलिस मुठभेड़ में 02 बदमाश 1-दीपक उर्फ मनीष पुत्र रामजी लाल निवासी हरिकेश नगर, फेस-1, ओखला, दिल्ली मूल निवासी सेक्टर-11, राजा मंडी, आगरा व 2-इम्तियाज उर्फ अरमान पुत्र मौ0 वकील निवासी सूर्या विहार, सेहतपुर पल्ला, फरीदाबाद (हरियाणा) मूल निवासी कसाई टोला, मौ0 गांव सिवान, बिहार को सेक्टर-41 चौकी के पीछे से गिरफ्तार किया गया है।

बदमाशो द्वारा पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायरिंग की गई थी जिस पर पुलिस टीम द्वारा की गयी जवाबी कार्रवाई में दोनों बदमाश पैर में गोली लगने के कारण घायल हो गये। बदमाशो के कब्जे से दो अवैध तमन्चा मय 02 खोखा कारतूस, 02 जिन्दा कारतूस, घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल पल्सर जो थाना सफदरजंग दिल्ली से चोरी है, 03 चोरी के लैपटॉप व 8 हजार रुपये नगद बरामद हुए है।

दोनों बदमाश गाड़ियों का शीशा तोड़कर कीमती सामान चोरी करने वाले ठक-ठक गैंग के सदस्य व अभ्यस्त अपराधी है। अभियुक्त दीपक उपरोक्त के विरुद्ध विभिन्न थानों में 50 से भी अधिक अभियोग तथा अभियुक्त इम्तियाज उर्फ अरमान के विरुद्ध 32 अभियोग पंजीकृत है। घायल बदमाशो को इलाज हेतु अस्पताल भिजवाया जा रहा है। पुलिस द्वारा अन्य जानकारी की जा रही है।

*"यूपी पुलिस बदमाशों पर नकेल कसने के लिए रोजाना करती है मुठभेड़,लेकिन बदमाशों से बरामद किए गए जानलेवा कट्टे व कारतूस बनाने वालीं फैक्ट्री का पता नहीं लगा पायी है आखिरकार बदमाशों के पास  जान लेवा कट्टे व कारतूस कहा से आते हैं इनकी फैक्ट्री कहाँ पर है और दिल्ली NCR शहर में कहां से सप्लाई किए जाते है सबसे बडा सवाल ?*

*मीडीया सूत्रों का दावा है कि पुलिस द्वारा बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान जानलेवा हथियार बरामद करने के बाद  पुलिस बदमाश से पूछताछ के बाद भी कट्टे व कारतूस की फैक्ट्री पहुंच ही नहीं पाती है*