*95 वें बलिदान दिवस पर स्वामी श्रद्धानंद जी को दी श्रद्धांजलि

95 वें बलिदान दिवस पर स्वामी श्रद्धानंद जी को दी श्रद्धांजलि* *स्वामी श्रद्धानन्द जी सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे -केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी* *अछूतोद्धार में स्वामी श्रद्धानन्द जी का अमूल्य योगदान -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य*

नई दिल्ली,,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी,महान समाज सुधारक, गुरुकुल कांगड़ी के संस्थापक स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती का 95 वां बलिदान दिवस 14, महादेव रोड़,नई दिल्ली में सोल्लास मनाया गया।

केन्द्रीय विदेश राज्यमन्त्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द जी का जीवन समाजिक समरसता को समर्पित था।उन्होंने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार की स्थापना कर पुरातन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित किया।स्वामी श्रद्धानन्द निर्भीक संन्यासी थे कई मोर्चों पर अंग्रेजी हकूमत से लोहा लिया।उनके जीवन से आज प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।उन्होंने आगे कहा कि सर्वे भवंतु सुखिना की परंपरा से सनातन की रक्षा होगी महिला शिक्षा को आज भुला नहीं सकते अगर समाज में आगे बढ़ना है, श्रद्धानंद का बलिदान रंग लाया है जो आज हम स्वतंत्रता से यज्ञादि श्रेष्ठ कार्य कर सकते हैं।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि  स्वामी जी ने अछूतोद्धार में अदभुत कार्य किया।शुद्धिकरण व घर वापिसी के लिए उन्होंने अभियान चलाया। महिलाओं की शिक्षा के लिए जालन्धर में महाविद्यालय की स्थापना की।उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना के लिए अपनी कोठी व प्रेस बेचकर अपना सब दान कर दिया।

समारोह अध्यक्ष शिक्षाविद अंजु मेहरोत्रा ने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने कांग्रेस अधिवेशन कर निर्भीकता का परिचय दिया।

आर्य नेता माया प्रकाश त्यागी ने कहा कि स्वामी दयानंद जी के प्रवचनों को सुनकर उनके जीवन में बदलाव आया और वे मुंशी राम से स्वामी श्रद्धानंद बने उन्होंने आर्य समाज को कुशल नेतृत्व प्रदान किया और गुरुकुलों की स्थापना की।

कार्यक्रम का शुभारम्भ आचार्य डॉ.जयेन्द्र कुमार ने यज्ञ करवा कर किया,उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद जी के बाद सबसे अधिक कार्य स्वामी श्रद्धानन्द जी ने संभाला। जिस समय इस देश पर अविद्या का अन्धकार था उस समय दयानंद ने वेद ज्ञान के सूर्य से अविद्यांकार को दूर किया। उन्होंने शुद्धि आंदोलन शुरु किया गुरुकुलाें की स्थापना की और संपूर्ण जीवन श्रद्धावान रहे।

वैदिक  विद्वान विमलेश बंसल दर्शनाचार्य,बीजीपी नेता भारत भूषण मदान,पूर्व महापौर सुभाष आर्य,पार्षद यशपाल आर्य, आचार्य महेन्द्र भाई,प्रवीण आर्य (गाजियाबाद),रविदेव गुप्ता, चंद्रशेखर शर्मा (ग्वालियर),ओम सपरा,श्रुति सेतिया आदि ने भी अपने विचार रखे।

गायिका दीप्ति सपरा,प्रवीन आर्या,रजनी गर्ग,उर्मिला आर्या,आराधना शर्मा आदि के मधुर गीत प्रस्तुत किये ।

इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री देवेंद्र गुप्ता, राहुल आर्य,  यज्ञवीर चौहान, के के यादव, आर्य रत्न सौरभ कुमार, आशा रानी ममता चौहान मृदुला अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

भवदीय,
प्रवीण आर्य
मीडिया प्रभारी
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