पांच मौतों की दर्दनाक कहानी रात में नाती के जन्मदिन पर मना जश्न अगले दिन पूरा परिवार नहीं रहा

लखनऊ। जयपुर के मनोहरपुर दौसा राजमार्ग पर रविवार सुबह हुए हादसे में लखनऊ के एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। सभी लोग कार से खाटू श्याम मंदिर जा रहे थे।

पांच मौतों की दर्दनाक कहानी रात में नाती के जन्मदिन पर मना जश्न अगले दिन पूरा परिवार नहीं रहा

पांच मौतों की दर्दनाक कहानी रात में नाती के जन्मदिन पर मना जश्न अगले दिन पूरा परिवार नहीं रहा

लखनऊ। जयपुर के मनोहरपुर दौसा राजमार्ग पर रविवार सुबह हुए हादसे में लखनऊ के एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई। सभी लोग कार से खाटू श्याम मंदिर जा रहे थे। इसी दौरान उनकी कार की सामने से आ रहे ट्रेलर की भिड़ंत हो गई।

दुर्घटना में ठाकुरगंज में मुसाहिबगंज के एचसीएल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सिंह (32), उनकी पत्नी प्रियांशी (33), बेटी श्री (छह माह), पिता सत्यप्रकाश (65) और मां रमादेवी (63) की मौत हो गई। हादसे के वक्त अभिषेक के बहनोई, बहन और उनके दो बच्चे दूसरी कार में आगे चल रहे थे।अभिषेक की चचेरी बहन निरुपमा ने बताया कि सत्यप्रकाश, पत्नी, बहू और पोती के साथ शनिवार सुबह लखनऊ से बेटी रश्मि के घर मैनपुरी में नाती का जन्मदिन मनाने के लिए पहुंचे थे। अभिषेक नोएडा से बहन के घर पहुंचे। शनिवार रात सभी ने पार्टी की। रविवार सुबह सभी खाटू श्याम मंदिर के लिए निकले। कार अभिषेक चला रहे थे। वहीं, दूसरी कार में बेटी रश्मि, दामाद मयंक, उनके दो बच्चे और चालक थे।

सुबह करीब 8 बजे जयपुर के मनोहरपुर दौसा हाईवे पर जमवारामगढ़ में गलत दिशा से आ रहे ट्रेलर से अभिषेक की कार की भिड़ंत हो गई और दोनों वाहन सड़क किनारे खंती में पलट गए। कार सवार सभी लोग गाड़ी में फंस गए।परिजनों ने बताया कि मयंक को जब अभिषेक की कार नजर नहीं आई तो उन्होंने ससुर को कॉल की। जवाब न मिलने पर वह यूटर्न लेकर वापस लौटे तो कुछ ही दूरी पर सत्यप्रकाश की कार दुर्घटनाग्रस्त मिली। सूचना पर पहुंची रायसर थाना पुलिस ने कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक सभी की मौत हो चुकी थी।

सत्यप्रकाश हजरतगंज स्थित एक कंपनी में मैनेजर थे। अभिषेक नोएडा में एचसीएल कंपनी और बहू प्रियांशी गोमतीनगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में प्रबंधक थीं। सुबह 9 बजे मयंक ने घर पर हादसे की सूचना दी। एक साथ पांच लोगों की मौत की खबर से घर में कोहराम मच गया। कुछ ही देर में मोहल्ले वालों को हादसे का पता चला तो लोगों की भीड़ सत्यप्रकाश के घर जमा हो गई।

जयपुर के मनोहरपुर-दौसा हाईवे पर रविवार को हुए हादसे में मूलरूप से सीतापुर के मिश्रिख में रहने वाले एचसीएल कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सिंह (32), पत्नी प्रियांशी (33), बेटी श्री (छह माह), पिता सत्यप्रकाश (65) और मां रमादेवी (63) की मौत की खबर से घर में मातम पसर गया। सभी ठाकुरगंज के मुसाबहिगंज में रहते थे। एक माह पहले ही सत्य प्रकाश के भाई सूर्य प्रकाश की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। परिवार इस सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि हादसे में हुई पांच परिजनों की मौतों ने फिर से झकझोर कर रख दिया है। 

मकान की दीवारों से सिर्फ लोगों की सिसकियों की गूंज सुनाई दे रही थी। अभिषेक की चचेरी बहन निरुपमा ने रुंधे गले से बताया कि भाभी प्रियांशी बेटी श्री की फोटो नहीं खींचती थीं। ताकि उसे नजर न लगे। पर अनहोनी किसे पता थी। चाचा सत्यप्रकाश पोती का अगले माह मुंडन कराने वाले थे। पर घटना ने पूरे परिवार को गहरा सदमा दे दिया। निरुपमा ने बताया कि भाभी का दो साल पहले ही प्रयागराज से लखनऊ ट्रांसफर हुआ था। वह वर्तमान में बैंक ऑफ बड़ौदा की गोमतीनगर शाखा में मैनेजर थीं। ढाई साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। दो माह पहले भाभी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया था। 

सत्यप्रकाश के एक और भाई अमय के पोते अमृत का पुश्तैनी गांव मिश्रिख में सोमवार को मुंडन होना था। परिवार सत्यप्रकाश, रमादेवी, अभिषेक, प्रियांशी और नन्ही श्री का इंतजार कर रहा था। सत्य प्रकाश के भाई की बहू नीलम ने बताया कि जब ननदोई मयंक ने घटना की जानकारी दी तो वह मंदिर में पूजा कर रही थीं। कुछ देर बाद उन्हें मनहूस सूचना मिली। सूचना मिलते ही अचेत हुए अभिषेक के बड़े भाई हिमांशु नीलम ने बताया कि जब उन्होंने हादसे की जानकारी अभिषेक के बड़े भाई हिमांशु को दी तो वह अचेत हो गए।

किसी तरह से लोगों ने उन्हें संभाला। हिमांशु के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रह थे। फिर भी किसी तरह से पिता, भाई व अन्य लोगों के शवों को लेने जयपुर रवाना हुए।