Lucknow कुकरैल ध्वस्तीकरण पर रोक

लखनऊ। कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में अकबरनगर के बाद आए रहीमनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर और अबरारनगर के लोग अपने घरों को अवैध बताकर लाल निशान लगाए जाने से काफी गुस्से और दुख में थे।

Lucknow कुकरैल ध्वस्तीकरण पर रोक

कुकरैल के किनारे हर्ष की वर्षा, लोगों ने कहा- सरकार ने हमारी सुन ली, देर रात लगे सीएम योगी के जयकारे

लखनऊ। कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में अकबरनगर के बाद आए रहीमनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर और अबरारनगर के लोग अपने घरों को अवैध बताकर लाल निशान लगाए जाने से काफी गुस्से और दुख में थे। शनिवार, रविवार को इसके विरोध में अलग-अलग तरह से प्रदर्शन करने वाले इलाके के लोग सोमवार रात अचानक शंख, ढोल, नगाड़े बजाने लगे। कुकरैल किनारे हर्ष की बारिश होने लगी।

स्थानीय लोग सीएम योगी आदित्यनाथ, बाबा गोरखनाथ की जय-जयकार करने लगे। रिवरफ्रंट के दायरे में आए रहीमनगर के विजय शुक्ला ने बताया कि सरकार ने उनकी गुहार सुन ली है। फिलहाल उनके घरों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी गई है। राहुल शर्मा ने कहा, हम यही नहीं समझ पा रहे थे कि हमारे घर अवैध कैसे हो गए हैं? मांग की जा रही थी कि ध्वस्तीकरण को रोका जाए। हमारी मांग मानकर बड़ी राहत दी गई है। गुंजन शुक्ला ने खुश होकर कहा कि अब हमारे घर नहीं तोड़े जाएंगे।

लखनऊ विकास प्राधिकरण यानी एलडीए के वीसी रहे इंद्रमणि त्रिपाठी के तबादले और नए वीसी की तैनाती के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि कुकरैल रिवरफ्रंट पर बने घरों के ध्वस्तीकरण की मुहिम पर असर पड़ सकता है। कहा जा रहा था कि नए उपाध्यक्ष को पूरा प्रोजेक्ट समझने में समय लगेगा। ऐसे में सौदर्यीकरण का काम फिलहाल अधर में लटक सकता है।

नोटिस मिलने के बाद कई लोग घरों की रजिस्ट्री के साथ विरोध कर रहे थे। उनके सवालों से भी अफसर असहज हो रहे थे। सोमवार को एलडीए, सिंचाई विभाग व प्रशासन की टीम भी इन इलाकों में नहीं गई। वहीं, चर्चा है कि सोमवार शाम को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में कुकरैल रिवरफ्रंट की जद में आए मकानों के मसले पर चर्चा भी हुई थी। हालांकि, शासन और प्रशासन के स्तर से खबर लिखे जाने तक इस बात की पुष्टि नहीं हो की पाई कि ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई गई है या नहीं।

प्रभावित इलाकों के बच्चों ने भी सोशल मीडिया के जरिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके घरों को बचाने की गुहार लगाई थी। लोगों का कहना है कि बच्चों और महिलाओं की मेहनत रंग लाई और उनके घर बच गए हैं।