हरनंदीपुरम के नाम से बसाया जाएगा नया गाजियाबाद शहर

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद मे एक नए टाउनशिप बसाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है।

हरनंदीपुरम के नाम से बसाया जाएगा नया गाजियाबाद शहर

हरनंदीपुरम के नाम से बसाया जाएगा नया गाजियाबाद शहर

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद मे एक नए टाउनशिप बसाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। अब नया गाजियाबाद नहीं, जीडीए हरनंदीपुरम नाम से नया शहर बसाएगा। इसके लिए मेरठ में हुई गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी बोर्ड की बैठक में मंजूरी मिल गई है। जीडीए इसे इंदिरापुरम की तर्ज पर बसाएगा। सोमवार को हुई जीडीए की बोर्ड बैठक में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने इसका प्रस्ताव मंजूर कर लिया। पहले इसका नाम नया गाजियाबाद रखा गया था, लेकिन बोर्ड ने नया नाम हरनंदीपुरम किया है। यह आवासीय योजना गांव मथुरापुर, नंगला फिरोज मोहनपुर, शमशेर, चंपतनगर, भनैड़ा खुर्द, शाहपुर मोरटा, मोरटा और भोवापुर के पास कुल 541.65 हेक्टेयर जमीन पर बसाई जाएगी।

गाजियाबादः उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद मे एक नए टाउनशिप बसाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। अब नया गाजियाबाद नहीं, जीडीए हरनंदीपुरम नाम से नया शहर बसाएगा। इसके लिए मेरठ में हुई गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी बोर्ड (ळक्। ठवंतक) की बैठक में मंजूरी मिल गई है। जीडीए इसे इंदिरापुरम की तर्ज पर बसाएगा। सोमवार को हुई जीडीए की बोर्ड बैठक में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने इसका प्रस्ताव मंजूर कर लिया। पहले इसका नाम नया गाजियाबाद रखा गया था, लेकिन बोर्ड ने नया नाम हरनंदीपुरम किया है। यह आवासीय योजना गांव मथुरापुर, नंगला फिरोज मोहनपुर, शमशेर, चंपतनगर, भनैड़ा खुर्द, शाहपुर मोरटा, मोरटा और भोवापुर के पास कुल 541.65 हेक्टेयर जमीन पर बसाई जाएगी।

मेट्रो कॉरिडोर के टीओडी जोन के लिए पब्लिक से आपत्ति और सुझाव के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। इसमें तय किया गया है कि कॉरिडोर में 500 मीटर से लेकर 1.5 किमी तक एरिया को जरूरत के हिसाब से लिया जाएगा। इसमें पांच एफएआर दिए दिए जाएंगे, ताकि लोग पांच मंजिला भवन का निर्माण कर सकें। साथ ही टीओडी जोन में मिक्स लैंडयूज की परमिशन होती है। लोग एक ही मकान में दुकान भी चला सकेंगे।

जीडीए के 2 हजार वर्ग मीटर या उससे बड़े भूखंडों को खरीदने का सभी को मौका मिलेगा। इसके लिए प्राधिकरण ने नियम व शर्तों में बदलाव कर दिया है। कोई भी व्यक्ति बड़े भूखंड खरीद सकेगा। 2 हजार वर्ग मीटर या उससे बड़े भूखंडों को खरीदने के लिए टू बिड सिस्टम लागू था। इसके तहत भूखंड खरीदने के लिए नीलामी में भाग लेने वाले व्यक्ति का हैसियत प्रमाणपत्र और पूर्व में उसी तरह के निर्माण कार्य की तकनीकी जानकारी मांगी जाती है, लेकिन अब प्राधिकरण नियम व शर्तों में बदलाव करते हुए इन दोनों प्रमाण पत्रों की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।

पिछले 12 साल से वेव सिटी में घर का इंतजार कर रहे लोगों को राहत मिल गई है। जीडीए ने वेव सिटी के संशोधित लेआउट को पास कर दिया है। वेव सिटी ने 4196.30 एकड़ जमीन की संशोधित डीपीआर मंजूर करवाई है, लेकिन अब लेआउट 3786.79 एकड़ का पास करवाया है। इससे करीब 3 हजार की संख्या में आवंटियों को फायदा मिलेगा, क्योंकि उन लोगों ने वेव सिटी के फेस-2 में भूखंड बुक करवा रखा था। वेव सिटी के पदाधिकारियों का कहना है कि लेआउट पास हो गया है। 6 महीने के अंदर ही लोगों को भूखंड पर कब्जा देना शुरू कर दिया जाएगा।

इंदिरापुरम विस्तार के लिए ग्रुप हाउसिंग के तीन प्लॉट को छोटे आवासीय भूखंड बनाकर बेचने की बोर्ड से परमिशन मिल गई। यह करीब 30 हजार वर्ग मीटर की जमीन है। इसमें जीडीए ने 116 आवासीय भूखंड और 4 कमर्शल भूखंड का लेआउट तैयार किया है। यहां पर करवाए जाने वाले विकास कार्य और ग्रीन बेल्ट की जमीन छोड़ने पर जो खर्च आएगा, उसे भी इसकी कीमत में एड किया जाएगा।

प्राधिकरण एरिया में नई टाउनशिप जैसे आईटी सिटी, लॉजिस्टिक पार्क, एजुकेशन सिटी, मेडिसिटी, एरोसिटी को विकसित करने और उसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट समेत अन्य कार्य करने के लिए सलाहकार फर्म के चयन की परमिशन बोर्ड ने दी है। अब इसकी मदद से शहर को नियोजित विकास की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकेगा।