श्रुति शर्मा बनी जिला बुलंदशहर की जिलाधिकारी

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में एसीईओ के पद पर तैनात श्रुति को बुलंदशहर का डीएम बनाया गया है। श्रुति को उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार रिजल्ट ओरिएंटेड आईएएस अधिकारियों में गिना जाता है।

श्रुति शर्मा बनी जिला बुलंदशहर की जिलाधिकारी

श्रुति शर्मा बनी जिला बुलंदशहर की जिलाधिकारी

आज का मुददा बुलंदशहर (त्रिलोक चन्द) 

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में एसीईओ के पद पर तैनात श्रुति को बुलंदशहर का डीएम बनाया गया है। श्रुति को उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार रिजल्ट ओरिएंटेड आईएएस अधिकारियों में गिना जाता है। बुलंदशहर में तैनात DM सीपी सिंह को मथुरा का डीएम बनाया गया है। बुलंदशहर में उनका 3 वर्ष 4 महीने का कार्यकाल रहा है।


यूपीएससी परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है और हर साल बड़ी संख्या में उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं, इसलिए इसे पास करना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। कुछ लोग दृढ़ निश्चयी होते हैं, जिसके कारण वे हर फेज में परीक्षा में सफल होते हैं। आज हम यूपीएससी टॉपर आईएएस श्रुति शर्मा की प्रेरक सफलता की कहानी के बारे में बात करेंगे।
श्रुति शर्मा उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने दिल्ली के सरदार पटेल विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से कॉलेज की पढ़ाई की और फिर यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रतिष्ठित जामिया मिलिया इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी में दाखिला लिया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और एक स्टूडेंट से आईएएस अधिकारी बनने तक का उनका सफर अब कई लोगों के लिए मोटिवेशन है


IAS श्रुति शर्मा की साल भर की मेहनत रंग नहीं ला पाई, क्योंकि वह सिर्फ एक नंबर से UPSC इंटरव्यू में असफल रहीं। हालांकि, इससे श्रुति रुकी नहीं। सही नजरिए और सोच के साथ, श्रुति ने इसे बड़ी उपलब्धि की ओर एक कदम के रूप में देखा।
अपने अगले अटेंप्ट में, उन्होंने अपनी दृढ़ता और कड़ी मेहनत से ऑल इंडिया रैंक (AIR)-1 हासिल की। आखिरकार, उसकी मेहनत रंग लाई। जिस लड़की को सिर्फ एक नंबर की वजह से इंटरव्यू कॉल से बाहर होना पड़ा था, उसने AIR-1 हासिल किया. 26 मई 2024 तक श्रुति शर्मा आवास एवं शहरी मामलों के विभाग में सहायक सचिव के पद पर तैनात हैं।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में श्रुति शर्मा को कुल 1105 अंक हासिल हुए थे। जिसमें मेन्स में 932 नंबर और इंटरव्यू राउंड में 173 नंबर मिले थे। एक इंटरव्यू में श्रुति ने बताया था कि यूपीएससी की तैयारी के लिए सबसे अधिक मदद न्यूज पेपर ने की थी। वह करंट अफेयर्स के नोट्स न्यूज पेपर से बनाती थीं।

श्रुति परिवार की अकेली सदस्य हैं, जिन्होंने कला वर्ग को चुनकर इतिहास पढ़ा। जबकि परिवार में सभी विज्ञान से पढ़े हुए हैं। श्रुति के परदादा जिले के नामचीन वैद्य रहे हैं, जबकि दादा भी डॉक्टर रहे हैं। ताऊ और तहेरी बहन डॉक्टर हैं और श्रुति के पापा इंजीनियर। श्रुति ने परिवार में सबसे अलग राह पकड़ी और कला वर्ग को चुन लिया। जिन्होंने इतिहास कुरेद कर सिविल सर्विसेज में सफलता की कुंजी को ढूंढ निकाला।