;आप; पार्टी ने 70 लाख से एक करोड़ रुपये में बेची टिकटें : रमेश बिधूड़ी

दक्षिण दिल्ली से सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश बिधूड़ी ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा।

;आप; पार्टी ने 70 लाख से एक करोड़ रुपये में बेची टिकटें : रमेश बिधूड़ी

नई दिल्ली, 16 नवंबर )। दक्षिण दिल्ली से सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश बिधूड़ी
ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना


साधा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा 90 परसेंट टिकटों को 70 लाख
रुपये से एक करोड़ रुपए की राशि लेकर बेचा है।


बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है। इस समय दिल्ली में अंदर पानी की
खपत कम हो जाती है। ऐसे में भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद


केजरीवाल ने 2015 में वादा किया था कि हर घर तक पीने का स्वच्छ पानी पहुंचाएंगे, लेकिन वे


अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से विफल साबित हुए हैं। सर्दियों की शुरुआत होने के बावजूद
भी वह दिल्ली में पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहे।


उन्होंने आगे कहा कि वसंत विहार जैसे पॉश इलाके में पिछले 20 दिनों से पानी नहीं आ रहा है,
जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सीवर लाइन डालने के नाम


पर भी बड़े स्तर पर ‘आप’ की सरकार और विधायकों के द्वारा घोटाला किया गया है, जिसका सच


खुलकर सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि मधु विहार में सीवर लाइन डाल दी गई लेकिन मेनहोल
में अंदर क्षतिग्रस्त होने के चलते अब लोगों के घरों में गंदा पानी पहुंच रहा है।


बिधूड़ी ने कहा कि ठंड में दिल्ली में पानी की खपत 20 प्रतिशत तक कम हो जाती है, लेकिन
दिल्ली जल बोर्ड में हुए बड़े स्तर के घोटाले के चलते दिल्ली में पीने के पानी की आपूर्ति नहीं हो पा


रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो दिल्ली में पानी के टैंकरों को खत्म करने की बात की थी,


लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पहले दिल्ली में 892 पानी के टैंकर थे जो वर्तमान में बढ़कर 1204 हो
गए हैं।

इनसे दिल्ली की 906 कॉलोनियों में पानी की सप्लाई की जाती है। उन्होंने कहा कि हर साल दिल्ली
की औसतन आबादी पांच लाख बढ़ रही है। पहले यहां पानी की खपत 900 एमजीडी (मिलियन


गैलन्स पर डे) होती थी जो अब बढ़कर 1,300 एमजीडी हो गई है। लेकिन इसको पूरा करने के लिए
दिल्ली सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।