तीन नवंबर से 10 दिसंबर तक सूरजकुंड मेला परिसर में चलेगा पहला दीवाली मेला

प्रदेश के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि आज हमारे पास पैसा है, बड़ा मकान है लेकिन खुशी नहीं है।

तीन नवंबर से 10 दिसंबर तक सूरजकुंड मेला परिसर में चलेगा पहला दीवाली मेला

प्रदेश के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि आज
हमारे पास पैसा है, बड़ा मकान है लेकिन खुशी नहीं है।


ऐसे में हमें अपने हैपीनेस इंडेक्स को बढ़ाने के लिए मेला संस्कृति को पुन: जिंदा करना होगा। बुजुर्गों की
बनाई मेला संस्कृति की परंपरा को सरकारी तौर पर भी प्रोत्साहन देना होगा। लोगों को कुछ समय के
लिए खुशी और सुकुन देने के लिए ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूरजकुंड मेला परिसर में दीवाली उत्सव
आयोजित करने का निर्णय लिया है। वे शुक्रवार को सूरजकुंड मेला परिसर में प्रथम दीवाली उत्सव के
उद्घाटन अवसर पर उसस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि हमारी बुजुर्गों ने गांव-गांव में मेले शुरू किए। इन मेलों में हजारों लाखों लोग जुटते हैं।
यह सामाजिक एकता का परिचायक भी हैं। सूरजकुंड मेला भी पिछले 36 सालों से देश व विदेश में
हमारी पहचान बना हुआ है। इस मेले में लाखों लोग अपना समय निकालकर अपने परिवार के साथ कुछ
वक्त बीताते हैं। इससे कलाकारो और शिल्पकारों को रोजगार मिलता है और लोगों को खुशी। लोगों की
इसी खुशी को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस परिसर में दीवाली उत्सव भी शुरू करने का
निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि भविष्य में इस परिसर का और भी ज्यादा प्रयोग किया जाएगा। इस
अवसर पर पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा ने कहा कि आम लोगों की मांग पर आज हम
प्रथम दीवाली उत्सव का शुभारंभ करने जा रहे हैं।