राजधानी में प्रदूषण की पाबंदियों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण की पाबंदियों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण
की पाबंदियों को सख्ती से लागू किया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाना देने के लिए बसों के
2400 और मेट्रो के 60 फेरे बढ़ाए गए हैं। पानी के छिड़काव और मशीनों से होने वाली सफाई का समय
भी बढ़ाया गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित बैठक में
अधिकारियों के साथ प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने गुरुवार
शाम को ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू कर दिया था। बैठक में इन पाबंदियों को सख्ती से
लागू कराने पर भी चर्चा हुई।
बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पाबंदियों के
क्रियान्वयन के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली को तैयार करने का निर्णय बैठक में लिया गया, क्योंकि
कई बार यह देखने को मिलता है कि आदेश हो जाता है, लेकिन उस पर काम नहीं होता है। उन्होंने कहा
कि पांचवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल में फिजिकल कक्षाएं बंद करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि
बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस चार डीजल एलएमवी चारपहिया वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया
गया है। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसके लिए परिवहन विभाग की 84 और दिल्ली पुलिस की 284 टीमों को तैनात किया गया है।
वाहन प्रदूषण कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकारी कर्मचारियों के
लिए परिवहन विभाग ने इलेक्ट्रिक शटल बस सर्विस शुरू की है। ये शटल बस सर्विस किदवई नगर और
आरकेपुरम से सेंट्रल सेक्रेटेरिएट और गुलाबी बाग से दिल्ली सचिवालय के लिए चलेंगी। कार्यालय के
समयानुसार इनका संचालन किया जाएगा। वहीं, बसों के 2400 और मेट्रो के 60 फेरे भी बढ़ाए गए हैं।
उन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने कहा
कि निर्माण पर प्रतिबंध के बावजूद कई बार इस तरह की गतिविधियां चलती रहती हैं।
बैठक में निर्णय लिया गया है कि निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर लगातार निगरानी रखी जाएगी।
उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डे, राष्ट्रीय सुरक्षा
संबंधी निर्माण, अंतरराज्यीय बस अड्डे, अस्पताल, सड़क व राजमार्ग, फ्लाईओवर, बिजली, सीवर लाइन,
स्वच्छता परियोजनाओं आदि को निर्माण संबंधी छूट दी गई है। मगर यहां भी धूल संबंधी दिशा-निर्देशों
का कड़ाई से पालन करना होगा। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पर्यावरण
मंत्री ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शोध बताते हैं कि प्रदूषण में
दिल्ली के स्रोत की भूमिका केवल 31 फीसदी होती है।
ऐसे में एनसीआर राज्यों को भी प्रदूषण की
रोकथाम के लिए कदम उठाने चाहिए। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्रियों की कोई भूमिकाइसमें नहीं दिख रही है। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री पर भी उन्होंने खड़े किए।