प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के असली मुद्दों पर बात नहीं करते- प्रियंका गांधी
लखनऊ। चौथे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस महसचिव प्रियंका गाँधी ने लखनऊ और हरदोई में रोडशो, नुक्कड़ सभा और जनसभाओं को सम्बोधित किया।
लखनऊ। चौथे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस महसचिव प्रियंका गाँधी ने लखनऊ और हरदोई में रोडशो, नुक्कड़ सभा और जनसभाओं को सम्बोधित किया।
लखनऊ के चिनहट में रोड शो कर उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार बक्शी का तालाब से ललन कुमार, सरोजनी नगर से रूद्र दमन सिंह, लखनऊ पश्चिम से शहाना सिद्दीकी, लखनऊ पूर्व से मनोज तिवारी, लखनऊ उत्तर से अजय श्रीवास्तव अज्जू, लखनऊ मध्य से सदफ जफ़र, लखनऊ कैंट से दिलप्रीत सिंह, मोहनलालगंज से ममता चौधरी और मलिहाबाद से प्रत्याशी इंदल कुमार रावत के लिए वोट देने और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाने की अपील की।
रोडशो में सड़कों पर जनसैलाब दिखा और जगह-जगह उन्होंने लोगों का अभिवादन किया। लखनऊ में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी को रोजगार जैसे असली मुद्दों पर बात करनी चाहिए ।
वह (पीएम) आतंकवाद की बातें सिर्फ चुनाव की वजह से कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ष्यह बात वह भी जानते हैं कि ये सच नहीं है। सिर्फ चुनाव के चलते ये कह रहे हैं। उन्हें अहम मुद्दों पर बात करनी चाहिए।
तमाम सरकारी पद खाली होने के बावजूद आखिर यूपी में इतनी बेरोजगारी क्यों है। पीएम ने महंगाई, बेरोजगारी और छुट्टा जानवरों पर कुछ नहीं कहा और चुनावों में वह कह रहे हैं कि उनको अब इस बारे में जानकारी मिली है।
क्या सीएम ने उनको जानकारी नहीं दी? सरकारी पद खाली हैं तो बेरोज़गारी क्यों हैं?
हरदोई के बिलग्राम मल्लावां की जनसभा में उन्होंने कहा कि किसानों ने कहा तरक्की नहीं हुई, नौजवानों ने कहा रोजगार नहीं मिला, बहनों ने कहा महंगाई बढ़ चुकी है, बुनकर भाई भी कह रहे हैं कि तरक़्क़ी नहीं हुई।
महिलाएं महंगाई से जूझ रही हैं, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए हैं। किसानों नुकसान हो रहा है, फसलों के दाम नहीं मिल रहे हैं, खाद के सरकारी वितरण केंद्र बंद पड़े हैं, प्राइवेट जो हैं उनमें लंबी लाइन लगी है।
बिजली का बिल इतना है कि आप उसे चुका नहीं पा रहे हैं। बिजली नहीं आ रही है, लेकिन बिल आ रहा है। लॉकडाउन में लोगों का नुकसान हुआ है। बेरोजगारी चरम पर है। भर्ती परीक्षाएं रद्द हो रही हैं, पेपर लीक हो रहे हैं।
छुट्टा जानवर आपकी फसलों को खा रहे हैं। यह परिस्थितियां हैं उत्तर प्रदेश की। इसलिए कांग्रेस ने अपने घोषणापात्र में कहा है कि हम किसानों के कर्ज माफ़ करेंगे। हम 12 लाख सरकारी खाली पदों को भरने के साथ 8 लाख रोजगार के नए अवसर देंगे।
हम हुनर के विकास के लिए क्लस्टर बनाकर काम करेंगे। भर्ती के लिए हम जॉब कैलेंडर बनाएंगे। इसमें भर्ती से लेकर नियुक्ति तक की तारीख दर्ज होगी। हमने महिलाओं को सशक्त करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप बनाया है।
हमने महिलाओं को सक्षम और आत्म निर्भर बनाने की बात की है।
उन्होंने कहा कि भाजपा कभी मुद्दों की बातें नहीं करती है, कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पहली बार उन्होंने सुना है कि छुट्टा जानवरों की समस्या है।
कांग्रेस ने तीन साल पहले इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी कि किसान इस समस्या से जूझ रहा है कुछ करो। पांच साल देश में भाजपा की सरकार थी और सात साल से केंद्र में वे हैं, वहां मोदी जी बैठे यहां योगी जी हैं और उनको छुट्टा जानवरों की समस्या ही नहीं पता है।
सच्चाई यह है कि जानकारी पूरी है, लेकिन समस्याओं को दूर करने की आपकी इच्छा नहीं है।
छत्तीसगढ़ में भी यह समस्या थी, वहां जब कांग्रेस की सरकार बनी तो हमने इसका समाधान किया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने योजना बनाई और कहा कि जो छुट्टे जानवरों की देखभाल करेगा, उससे हम गोबर दो रुपये किलो खरीदेंगे।
गोबर को खरीदकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दिया गया, जिससे गैस और खाद बनने लगाई। इससे लोग जानवर पलने लगे और सरकार उनसे गोबर खरीदने लगी, तो इस तरह से वहां छुट्टा जानवरों की समस्या दूर हो गई।
उत्तर प्रदेश में देखिए, गौशालायें बनाई, बड़ी बड़ी बातें की, लेकिन सच यह है कि गौशालाओं में चारे की व्यवस्था नहीं है, पानी नहीं है, शेड नहीं है, गायें मर रही हैं। उत्तर प्रदेश में गौशालाओं की हालत शर्मनाक है।
पिछले साल जीवित गाय को दफ़नाने के वीडियो सामने आए। आज जब चुनाव आए, तब इनको समझ आई बात और कह रहे हैं कि छुट्टे जानवरों की समस्या सुलझाएंगे।
पिछले पांच साल से यह सो रहे थे ? इसी तरह से इनको महंगाई नहीं पता, बेरोजगारी नहीं पता। इसीलिए 12 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं, क्योंकि उन्हें बेरोजगारी दिख नहीं रही है।
छुट्टे जानवर के आतंक को देखिए, महंगाई के आतंक को समझिए, युवाओं को नौकरी दीजिए। यह पाकिस्तान, आतंकवादियों, धर्म, जाति की बातों से किसका पेट भर रहा है ? सिर्फ नेताओं का पेट भर रहा है इन बातों से, उनको सत्ता मिल रही है। आपका पेट भरेगा रोजगार से, किसानों के कर्ज माफ़ करने से।