भगवान महाकाल सूरत से आए एक भक्त ने दान में भगवान महाकाल को चांदी का छत्र भेंट किया।
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की तृतीया के मौके पर भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक कर भांग और पीताम्बर से विशेष श्रृंगार किया गया।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में बुधवार को
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की तृतीया के मौके पर भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से
बने पंचामृत से अभिषेक कर भांग और पीताम्बर से विशेष श्रृंगार किया गया।
इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के इस दिव्य स्वरूप से दर्शन किए। वहीं, सूरत से आए एक भक्त ने
दान में भगवान महाकाल को चांदी का छत्र भेंट किया।
परम्परा के मुताबिक बुधवार को तड़के चार बजे महाकालेश्वर मंदिर के पट खुले। सबसे पहले पंडे-
पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। फिर बाबा महाकाल का
जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से किया और उसके बाद पूजन-अर्चन
संपन्न किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर भगवान को हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती
के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष व पुष्पों की माला धारण करवाई गई।
मंदिर के पुजारी पंडित आदेश शर्मा ने बताया कि भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल का भांग से
श्रृंगार कर पीताम्बर से विशेष सजावट की गई और मिष्ठान का भोग भी लगाया गया। श्रृंगार के बाद
बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांक कर भस्मी रमाई गई। भस्म आरती में बड़ी संख्या में
श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस
दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। महानिर्वाणी अखाड़े की और
से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।
मंदिर के कोठार प्रभारी मनीष पांचाल ने बताया कि बुधवार को महाकालेश्वर मंदिर में गुजरात के सूरत
से पधारे प्रशान्त कुमार बटुक भाई दुधाल ने मंदिर के पुजारी पं. आदेश शर्मा की प्रेरणा से 3,864 ग्राम
चांदी का छत्र भगवान महाकाल को अर्पित किया। इसे मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने
प्राप्त किया और विधिवत रसीद प्रदान की गई।
इसके अलावा महाकालेश्वर मंदिर में नई दिल्ली से भस्म
आरती में आए अंशुल सिंघल ने 51 हजार रुपये और शुभम गुप्ता ने 11 हजार रुपये की नगद राशि
मंदिर में चल रहे विकास कार्यों के लिए दान की। मंदिर प्रबंध समिति के भस्मार्ती प्रभारी आशीष दुबे ने
दानदाता का सम्मान कर विधिवत रसीद प्रदान की।