समर्थको का गुणा भाग हो रहा फेल प्रत्याशियों के दिल की धड़कने हो रही तेज़

बढ़ापुर : चुनाव कोई सा भी हो चुनाव बीत जाने के पश्चात जब तक चुनावी मतगणना का दिन करीब न आजाए तब तक अक्सर गली मोहल्लों के चौराहों नई की दुकान चाय का होटल पर अक्सर लोग चुनावी आंकड़ा लगाते हुए नज़र आते है

समर्थको का गुणा भाग हो रहा फेल प्रत्याशियों के दिल की धड़कने हो रही तेज़

बढ़ापुर : चुनाव कोई सा भी हो चुनाव बीत जाने के पश्चात जब तक चुनावी मतगणना का दिन करीब न आजाए तब तक अक्सर गली मोहल्लों के चौराहों नई की दुकान चाय का होटल पर अक्सर लोग चुनावी आंकड़ा लगाते हुए नज़र आते है और पल पल की रिपोर्ट

अपने अपने प्रत्याशी के समर्थक अपने चहीते प्रत्याशी को रिपोर्ट देते है जिससे उनको अपने चुनाव का लग भग 75%आंकलन हो जाता है! मगर इस बार चौराहे से लेकर होटल  पर चाय की चुस्की लेने वाले भी नेताओं की बैठक पर आंकड़े लेते नज़र आ रहें हैं।

बढ़ापुर: नगर पंचायत अध्यक्ष पद एवं सभासद पदों के लिए शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न होने के बाद से प्रत्याशियों के समर्थक जीत की गुणा-भाग लगाकर जीत का दावा कर रहे हैं। जबकि इस बार मतदान होने के बावजूद भी वोटर खामोश रहने से हर प्रत्याशी को

अपनी जीत स्पष्ट दिखाई दे रही है! मालूम हो कि इस बार बीजेपी, सपा, दो निर्दलीय उम्मीदवार की टक्कर का पेंच ऐसा फस रहा है! जो किसी से भी सुलझाए नहीं सुलझ रहा है!

 वही प्रत्याशी भी पुराने राजनीति के सलाहकारों के साथ भी मंथन कर रहें हैं आखिर वोट किस और झुकता नज़र आया। प्रत्याशी सपा से डॉक्टर दिलशाद अंसारी , भाजपा   प्रत्याशी बंटी भय्या, निर्दलीय प्रत्याशी आबिद अंसारी,निर्दलीय प्रत्याशी जावेद अख़्तर,

भी चुनाव मैदान में थे। मतदान के दौरान मुकाबला त्रिकोणीय दिखाई दिया। निकाय चुनाव का मतदान निटपते ही जनता ने अपने-अपने प्रत्याशियों के घर जाकर दिली  मुबारकबाद पेश की व ये सिलसिला जारी भी है। कुछ लोगों का मानना है कि बीजेपी

प्रत्याशी, सपा के बीच टक्कर मानी जा रही है। लेकिन पुराने राजनीतिक लोगों का मानना है कि आबिद अंसारी भी बीजेपी से टक्कर में हैं वही जावेद अख़्तर के सलाहकार भी अपनी जीत की झंडी ऊंची किए हुए हैं। वहीं आकलन ये भी किया जा रहा है

बहुत अच्छी मात्रा में मुस्लिम समुदाय का वोट बीजेपी के खाते में गया है जिसके चलते बीजेपी को मजबूत माना जा रहा है वही

सलाहकार मानते हैं इस बार गया तो है परंतु हर बार की तरह इस बार भी हिंदू समुदाय का वोट मुस्लिम प्रत्याशी को मिला हैं मगर

तीन में किस करवट ये वोटर गया है ये भाप पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा बनता जा रहा हैं। धीरे धीरे इंतज़ार की घड़ियां समाप्त होते हुए(13) मई आराहि है ये वो तारिक है जिसमे कही खुशी तो कहीं गम देखने को मिलेगा।