हेलिकॉप्टर हो या कार, कोहरे का कहर एक जैसा

हेलिकॉप्टर हो या कार, कोहरे का कहर एक जैसा

टॉकिंग पॉइंट्स

-- नरविजय यादव

तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में बुधवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे की असली वजह तो जांच के बाद सामने आयेगी, परंतु स्थानीय नागरिकों के अनुसार दुर्घटना के वक्त घाटी में घना कोहरा छाया था, जिसमें दो-चार मीटर आगे देख पाना भी मुश्किल था। देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की मृत्यु की वजह बनी यह दुर्घटना जिस स्थान पर हुई वहां मौसम अचानक बदलता है। कोहरे के कारण न वृक्ष नजर आते हैं न पहाड़। कोहरा हवा और जमीन हर कहीं दुर्घटना की मुख्य वजह बनता रहा है।

कोहरे की वजह से भारत में हर साल हजारों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। परिवहन मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 में 5,886 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जो 2015 में 7,665 और 2016 में 9,317 हो गयीं। वर्ष 2017 में 11,090 दुर्घटनाएं कोहरे के कारण हुईं, तो 2018 में यह आंकड़ा और बढ़कर 12,678 हो गया। दु:खद यह है कि ये दुर्घटनाएं साल दर साल खतरनाक और जानलेवा होती जा रही हैं। उत्तरी भारत में दिसंबर और जनवरी के महीनों में सर्दी पड़ती है, जिसके साथ आता है कोहरा। जिन राज्यों में कोहरे से दुर्घटनाएं अधिक होती हैं उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली प्रमुख हैं। ऐसे हादसे हाईवे और एक्सप्रेस वे पर अधिक होते हैं।   

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन परिवहन मंत्रालय से सिफारिश कर चुका है कि सभी मोटर वाहनों में आगे-पीछे फॉग लाइट अनिवार्य होनी चाहिए। फॉग लाइट से घने कोहरे में भी आसपास वाहनों की हलचल को देखा जा सकता है। रिसर्च से पता चला है कि विजिबिलिटी बेहतर होने से वाहनों के बीच टक्कर लगने के मामलों में 30 प्रतिशत तक कमी लायी जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोहरे वाली रातों में 1 बजे से 3 बजे के बीच देखने में सबसे अधिक परेशानी होती है। रात के इस पहर में गाड़ी लेकर न ही निकला जाये तो बेहतर होगा। यदि बीच राह में कोहरा छा जाये और कोई अन्य विकल्प न सूझे तब गाड़ी की स्पीड 40 किमी प्रति घंटे से कम रखनी चाहिए। जब दिखने में दिक्कत होने लगे तब अपने कानों पर भरोसा करें। ऐसे समय हेडफोन हटा लें और गाड़ी में म्यूजिक न चलायें। ब्रेक लगने और हॉर्न की आवाजों पर ध्यान दें और अन्य वाहन की दूरी का अंदाजा लगायें।

यातायात पुलिस की सलाह है कि कोहरे के समय ड्राइविंग करते समय यातायात के मूल नियमों का अवश्य पालन करना चाहिए। इनमें प्रमुख हैं – अपनी लेन में चलना, ओवरटेक न करना, मुड़ने से पहले इंडिकेटर से संकेत देना, गाड़ी की गति कम रखना और फॉग लाइट जलाकर रखना। फॉग लाइटें हर तरह के वाहनों में आसानी से फिट करवायी जा सकती हैं और इसमें खास लागत भी नहीं आती है। कोहरे में गाड़ी चलाते समय हैडलाइट लोबीम पर रखें, क्योंकि हाईबीम से देखने में दिक्कत आती है। गाड़ी की टेल लाइट और ब्लिंकर्स ऑन रखें, ताकि अन्य चालक आपकी गाड़ी को ठीक से देख सकें। गाड़ी का हीटर ऑन कर लें, ताकि गाड़ी के अंदर धुंध न रहे। मोबाइल का प्रयोग न करें। कोहरे में बीच रास्ते गाड़ी खराब हो जाये तो उसके चारों ओर रिफलेक्टिव पट्‌टी लगायी जा सकती है और खुद भी रिफलेक्टिव जैकेट पहन कर बाहर निकलें। ऐसे में साइकिल सवारों को भी रिफलेक्टिव जैकेट पहननी चाहिए। 

लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं कॉलमिस्ट हैं। narvijayindia@gmail.com