उप्र में पांच को बनेगा 25 करोड़ पौधरोपण का रिकॉर्ड

लखनऊ, 03 जुलाई (वेब वार्ता)। मिशन 35 करोड़ के तहत इस साल उत्तर प्रदेश में वनमहोत्सव के पहले दिन (पांच जुलाई) 25 करोड़ पौधरोपण का रिकॉर्ड बनेगा।

उप्र में पांच को बनेगा 25 करोड़ पौधरोपण का रिकॉर्ड

लखनऊ, 03 जुलाई ( मिशन 35 करोड़ के तहत इस साल उत्तर प्रदेश में वनमहोत्सव के पहले दिन (पांच
जुलाई) 25 करोड़ पौधरोपण का रिकॉर्ड बनेगा।

इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल लखनऊ के कुकरैल में,
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चित्रकूट में और उप मुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक क्रमशः
अयोध्या एवं प्रयागराज में पौधरोपण करेंगे।


वनमहोत्सव का यह कार्यक्रम जन आंदोलन बने इसके लिए हर मंडल में प्रदेश सरकार का कोई न कोई मंत्री मौजूद
रहेगा। साथ ही सांसदों को भी जिला आवंटित कर इसके दायरे को और बढ़ा दिया गया है। इसी मकसद से हर
जगह इस महोत्सव से स्थानीय जनप्रतिनिधियों सांसद, विधायक, महापौर, नगर निकायों के अध्यक्ष, पार्षद, जिला
एवं क्षेत्र पंचायत के अध्यक्ष, पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधानों के अलावा सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएं,
सिविल सोसायटी, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र, युवक मंगल दल, रोटरी, लायंस एवं इको क्लब, अन्य
संगठन और किसान उत्पादक संगठनों से जुड़े लोगों के साथ पर्यावरण सेनानियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।


पर्यावरण सेनानी में कृषक एवं प्रधानमंत्री सम्मान के लाभार्थी, गंगा प्रहरी, सशक्त बल, महिलाएं, दिव्यांग, कम
आय समूह, दृष्टिबाधित, मनरेगा जॉब कार्ड धारक, स्वयंसहायता समूह, ग्राम स्तरीय एवं नगर विकास कर्मी,


वनकर्मी, आदिवासी-वनवासी, सरकारी योजनाओं एवं मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लाभार्थी, शिक्षक-विद्यार्थी और
महिलाएं शामिल हैं।


राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि वनमहोत्सव के इस अभियान में कृषि जलवायु की
अनुकूलता एवं स्थानीय मांग के अनुसार अलग-अलग प्रजातियों के पौध रोपण के साथ अमृत वन, नगर वन,


खाद्य वन, शक्ति वन, बाल वन, युवा वन, गंगा वन, स्मृति वाटिका, नक्षत्र वाटिका एवं पंचवटी की भी स्थापना
होगी।


मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही यह मंशा जता चुके हैं कि वर्षा काल में जो पौधरोपण हो वह
संबंधित क्षेत्र के एग्रोक्लाइमेट जोन (कृषि जलवायु क्षेत्र) के अनुसार हो। उनकी मंशा के अनुरूप अलग-अलग जिलों


के लिए चिह्नित 29 प्रजाति और 943 विरासत वृक्षों को केंद्र में रखकर पौधरोपण का अभियान चलेगा। इसमें
राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के साथ देशज पौधे पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे औषधीय
पौधों को वरीयता दी जाएगी।


वन विभाग के अपर प्रमुख सचिव मनोज कुमार के अनुसार हमारी तैयारियां पूरी हैं। 35 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष
46.49 करोड़ पौधे पौधशालाओं में उपलब्ध हैं। इनमें से 40.47 करोड़ तो सिर्फ वन विभाग की पौधशालाओं में हैं।


इसके अलावा उद्यान, रेशम और निजी पौधशालाओं में क्रमशः 1.51, 0.46, 4.05 करोड़ पौधे उपलब्ध हैं।
पौधरोपण के लिए ये सभी पौधे निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।


15 अगस्त को 5 करोड़ पौधरोपण

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को 5 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य है। इसके अलावा 6 और 7 जुलाई को क्रमशः 2.5-
2.5 करोड़ पौधे लगाये जाएंगे।


2030 तक वनावरण एवं वृक्षावरण 9.23 से बढ़ाकर 15 फीसद करने का लक्ष्य
स्टेट ऑफ फारेस्ट की रिपोर्ट 2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 9.23 फीसद हिस्से में


वनावरण है। 2013 में यह 8.82 फीसद था। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के दौरान कुल वनावरण एवं वृक्षावरण में 91
वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।


वर्ष 2030 तक सरकार ने इस रकबे को बढ़ाकर 15 फीसद करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार ने अगले
पांच साल में 175 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा है। मिशन 35 करोड़ इसी की कड़ी है।


उल्लेखनीय है कि योगी सरकार-1.0 से ही वर्षाकाल में सघन पौधरोपण करा रही है। नतीजतन 2017-18 से
2021-2022 के दौरान सरकार के प्रयास से 101.49 करोड़ पौधरोपण हो चुका है।


27 विभाग मिलकर मिशन 35 करोड़ को बनाएंगे सफल
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, हालांकि पौधरोपण की नोडल एजेंसी वन विभाग है, लेकिन पौधरोपण के महाअभियान


में वन विभाग के अलावा 26 अन्य विभाग भाग लेंगे। हर विभाग का लक्ष्य पहले से ही निर्धारित है। इस क्रम में
सर्वाधिक 12.60 करोड़ और 12.32 करोड़ का लक्ष्य क्रमशः वन एवं ग्राम्य विकास विभाग का है। इसके अलावा


कृषि विभाग और उद्यान विभाग का लक्ष्य क्रमशः 2.35 करोड़ एवं 1.55 करोड़ पौधरोपण का है।