रिम्स' परीक्षा में आए 'ऑउट ऑफ सिलेबस' से भड़के छात्र
रमेश ठाकुर/नई दिल्लीः राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) की प्रवेश परीक्षा के गणित सब्जेक्ट में बाहर से डाले गए प्रश्न पैटर्न से छात्र भड़के हुए हैं। सभी ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग आरआईएमसी से की है।
रमेश ठाकुर/नई दिल्लीः राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) की प्रवेश परीक्षा के गणित सब्जेक्ट में बाहर से डाले गए प्रश्न पैटर्न से छात्र भड़के हुए हैं।
सभी ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग आरआईएमसी से की है। शनिवार तीन जून को दिल्ली, मुंबई जैसे देश के चुनिंदा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन हुआ था
जिसमें अंग्रेजी, गणित और सामान्य ज्ञान के तीन पेपर हुए थे। प्रथम पाली में गणित का पेपर था जिसमें कक्षा 8वीं से लिया जाना था। लेकिन सवाल 10वीं और 12वीं से भी ऊपर पूछे गए। जिसे बच्चे करने में असक्षम रहे। गुस्साए बच्चों के परिजन प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी से लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व आरआईएमसी कमांडेंट विक्रम कादियान से लिखित शिकायतें कर रहे हैं। बता दें, आरआईएमसी प्रत्येक छह महीने में देशभर में प्रवेश परीक्षा करवाता है जिसमें 25 बच्चों को चुनाव करता है, उन बच्चों को
प्रशिक्षित करके एनडीए में भेजता है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद अब पांच लड़कियों को भी लेना सुनिश्चित हुआ है।
'सुखोई एकेडमी' के पर काटने के संकेत
आरआईएमसी को मल्टीटेलेंटेट बच्चे चाहिए होते हैं जो प्रत्येक विषयों में निपुण हों। सूत्रों से जानकारी मिली है कि हरियाण के फरीदाबाद में संचालित सुखोई नाम की एक एकेडमी आरआईएमसी में प्रवेश के लिए बच्चों को पढ़ाती है जिनसे मोटा माल काटती
है। अकेडमी बच्चों को सिर्फ गणित, अंग्रेजी व जीके जैसे तीन सब्जेक्ट तोते की भांति रटवाती है और बच्चे परीक्षा पास कर लेते हैं। लेकिन जब वो बच्चे आरआईएमसी पहुंचते हैं, तो अन्य विषयों में असक्षम मिलते हैं। इसको लेकर आरआईएमसी में बकायदा
काउंसलिंग हुई और पैटर्न में बदलाव करने का निर्णय हुआ। बदले पैटर्न के बाद सभी बच्चे परीक्षा में औंधे मुंह गिर गए। इस पर परिजनों का आरोप है कि एक एकेडमी की सजा सभी बच्चों को क्यों दी गई।