23 साल पहले प्रस्तावित पूर्वी विहार योजना के लिए फिर से तैयारी तेज हो गई है।

लखनऊ के चिनहट इलाके में 23 साल पहले प्रस्तावित पूर्वी विहार योजना के लिए फिर से तैयारी तेज हो गई है।

23 साल पहले प्रस्तावित पूर्वी विहार योजना के लिए फिर से तैयारी तेज हो गई है।

23 साल बाद फिर जगी पूर्वी विहार योजना की आस, लखनऊ के 5 गांवों में अधिगृहीत हुई थी 650 एकड़ जमीन

लखनऊ। लखनऊ के चिनहट इलाके में 23 साल पहले प्रस्तावित पूर्वी विहार योजना के लिए फिर से तैयारी तेज हो गई है। इस योजना के लिए सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम ने साल 2001 में चिनहट इलाके के पांच गांवों में 650 एकड़ जमीन अधिगृहीत की थी। अब एलडीए और सहकारी आवास निगम मिलकर इसे विकसित करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए दोनों विभागों की संयुक्त टीम जल्द ही अधिगृहीत जमीन का ड्रोन सर्वे करवाएगी। इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी।

सहकारी आवास निर्माण एवं वित्त निगम ने पूर्वी विहार योजना के लिए चिनहट, कंचनपुर मटियारी, तकरोही, कमता और हरदासी खेड़ा में जमीन अधिग्रहण किया था। इसके लिए 400 किसानों को मुआवजा भी दिया गया था, लेकिन निगम 23 साल बाद भी अपनी योजना विकसित नहीं कर पाया।

निगम ने यह योजना विकसित करने के लिए पहले आवास विकास परिषद को पत्र लिखकर साझेदारी करने को कहा था, लेकिन सहमति न बनने पर आवास विकास ने यह प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद निगम ने यह प्रस्ताव एलडीए को भेजा है। इस प्रस्ताव पर प्रबंधक निदेशक और एलडीए सचिव की बैठक भी हुई थी। इसमें ड्रोन सर्वे करने के बाद आगे की रणनीति तय करने पर सहमति बनी है।

अधिग्रहण के बाद सहकारी निर्माण निगम ने किसानों को मुआवजा देकर जमीन का दाखिल खारिज भी अपने नाम करवा लिया था। इसके बावजूद इलाके में कई प्रॉपर्टी डीलरों ने निजी हाउसिंग का जाल फैला दिया है। प्रॉपर्टी डीलरों ने किसानों से अनुबंध कर लोगों को प्लॉट बेच दिए और कॉलोनियां विकसित कर दीं।

मौजूदा समय में करीब 90 फीसदी जमीन पर मकान और दुकान बन चुके हैं।