श्रीकृष्ण कृपा धाम में ठाकुर कृपा बिहारी महाराज का द्विदिवसीय वार्षिक पाटोत्सव धूमधाम से सम्पन्न
वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कृपा धाम में ठाकुर कृपा बिहारी महाराज का द्विदिवसीय वार्षिक पाटोत्सव महामंडलेश्वर, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के पावन सानिध्य में अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।

श्रीकृष्ण कृपा धाम में ठाकुर कृपा बिहारी महाराज का द्विदिवसीय वार्षिक पाटोत्सव धूमधाम से सम्पन्न
वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कृपा धाम में ठाकुर कृपा बिहारी महाराज का द्विदिवसीय वार्षिक पाटोत्सव महामंडलेश्वर, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के पावन सानिध्य में अत्यन्त श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। सर्वप्रथम संतों व भक्तों के द्वारा ठाकुर कृपा बिहारी सरकार का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पंचामृत से अभिषेक कर उनका अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक श्रृंगार किया गया।साथ ही उन्हें नवीन पोशाक धारण कराई गई।
तत्पश्चात गीता पाठ और सत्संग आदि के कार्यक्रम भी संपन्न हुए।महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को अपने आशीर्वचन देते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता ग्रंथ का जन्म भगवान श्रीकृष्ण के मुख से हुआ है।इसमें जीवन की प्रत्येक समस्या का उचित समाधान है।आज के भौतिक व यात्रिक युग में यदि हम लोग इस ग्रंथ को अपने जीवन में धारण कर लें तो हमारे देश व समाज की अनेक बुराइयों की समाप्ति हो सकती है।
हमारी भारत सरकार से यह मांग है कि श्रीमद्भगवद्गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करे।साथ ही इस ग्रंथ को समूचे देश के विभिन्न विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।जिससे नई पीढ़ी संस्कारवान बन सके।इससे पूर्व समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं के द्वारा भजन-संकीर्तन के मध्य श्रीगिरिराज गोवर्धन की सप्त कोसी परिक्रमा की गई।
इस अवसर पर पूर्व गृह सचिव उत्तर प्रदेश शासन एम.पी. मिश्रा, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, संत शक्ति स्वरूप ब्रह्मचारी, वासुदेव शरण महाराज, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, प्रख्यात भजन गायक चन्दन महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।