Delhi Metro, के चौथे फेज पर बड़ा अपडेट
दिल्ली मेट्रो ने चौथे फेज में एक और मील का पत्थर हासिल किया है। गोल्डन लाइन पर छतरपुर और छतरपुर मंदिर स्टेशन के बीच टनल यानी सुरंग का काम पूरा कर लिया गया है।
दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज पर बड़ा अपडेट, गोल्डन लाइन के छतरपुर-मंदिर स्टेशन पर टनल का काम पूरा
दिल्ली मेट्रो ने चौथे फेज में एक और मील का पत्थर हासिल किया है। गोल्डन लाइन पर छतरपुर और छतरपुर मंदिर स्टेशन के बीच टनल यानी सुरंग का काम पूरा कर लिया गया है। डीएमआरसी ने चौथे चरण के तुगलकाबाद- एरोसिटी कॉरीडोर पर ये बड़ी कामयाबी हासिल की। इस सुरंग को बनाने में 97 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन (TBM) का इस्तेमाल किया गया। 865 मीटर लंबी सुरंग बोरिंग पूरी होने के बाद छतरपुर मंदिर स्टेशन पर टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) बाहर निकली। अप और डाउन मूवमेंट के लिए दो समानांतर वृत्ताकार टनल्स का निर्माण किया जा रहा, जो एयरोसिटी- तुगलकाबाद कॉरिडोर का हिस्सा है। इस रूट पर अन्य समानांतर सुरंग का कार्य भी चल रहा है जो इस वर्ष सितंबर तक पूरा हो जाएगा।
दिल्ली मेट्रो की ओर से बताया गया कि इस नई सुरंग का निर्माण लगभग 15 मीटर की गहराई पर किया गया है। सुरंग में लगभग 618 रिंग लगाए गए हैं। इसका व्यास 5.8 मीटर है। सुरंग निर्माण कार्य में 66 केवी विद्युत एचटी लाइन को स्थानांतरित करने जैसी असंख्य चुनौतियों शामिल थीं। इसके अलावा, येलो लाइन पर मेट्रो ट्रेन संचालन को बिना बाधित किए मौजूदा येलो लाइन वायाडक्ट के नीचे टीबीएम को पार किया गया।
इस सुरंग का निर्माण ईपीबीएम (पृथ्वी दबाव संतुलन प्रणाली) की प्रौद्योगिकी के साथ किया गया है। मुंडका में पूरी तरह से मैवेनाइज्ड कास्टिंग यार्ड में सुरंग के रिंग बनाये गये। इन कंक्रीट खंडों को मजबूती प्राप्त करने के लिए भाप शोधन प्रणाली (Steam Curing system) का इस्तेमाल किया गया था। मौजूदा वायाडक्ट के नीचे सुरंग का निर्माण करते समय सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गई और आसपास की संरचनाओं पर अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों के साथ जमीनी हलचलों की निगरानी की गई। इन उपायों के साथ यह सुनिश्चित किया गया कि कहीं औ सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
अब तक मंजूर किए गए चौथे फेज के तहत 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जाएगा। इस कॉरीडोर में 19.343 किलोमीटर के भूमिगत खंड होंगे। टीबीएम (TBM) एक ऐसी मशीन है जो विभिन्न प्रकार की मिट्टी और रॉक स्ट्रैटा के माध्यम से एक परिपत्र क्रॉस-सेक्शन के साथ सुरंगों की खुदाई के लिए उपयोग की जाती है। इस मशीन को कठोर चट्टान से लेकर मिट्टी/रेल तक किसी भी माध्यम से बोर करने के लिए डिजाइन किया जा सकता है। टीबीएम ने दुनिया भर में सुरंग निर्माण कार्य के तरीके में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है क्योंकि सुरंगों की खुदाई आसानी से की जा सकती है और सतह पर बनी इमारतों और अन्य संरचनाओं को बिना छेड़छाड़ के काम किया जा सकता है।टीबीएमएस विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंग निर्माण कार्य के लिए उपयोगी है।
डीएमआरसी पहले चरण से ही अपने सुरंग कार्य के लिए टीबीएमएस का उपयोग कर रहा है। तीसरे चरण में, जब लगभग 50 किलोमीटर भूमिगत खंड बनाए गए थे, राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 30 टीबीएमएस को खुदाई के काम में लगाया गया था।