भाजपा सांसद ने सबका साथ सबका विकास नारे की निकाली हवा
उत्तर प्रदेश में 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी बीजेपी के नेता एवं जनप्रतिनिधि करारी हार

भाजपा सांसद ने सबका साथ सबका विकास नारे की निकाली हवा
हापुड़— उत्तर प्रदेश में 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भी बीजेपी के नेता एवं जनप्रतिनिधि करारी हार से कोई सबक लेने को तैयार नहीं है। भाजपा में गुटबाजी एवं कार्यकर्ताओं की अनदेखी के चलते उत्तर प्रदेश में 80 की 80 सीटों पर जीतने का दावा करने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के दावे की हवा निकाल दी। वह यह भी नहीं समझ पाए की पार्टी के अंदर क्या माहौल चल रहा है।
2019 में 62 सीट जीतने वाली भाजपा महज 2024 में महज 33 सीटों पर सिमट कर रह गई। मेरठ हापुड लोकसभा सीट से जीत की ना उम्मीद के बाद जीते बीजेपी के प्रत्याशी अरुण चंद्रप्रकाश गोविल ने जीत के करीब दो माह के बाद जिले की सदर विधानसभा में बनाएं दो प्रतिनिधियो को लेकर भी बबाल मचा हुआ है। बीजेपी सांसद अरुण चंद्रप्रकाश गोविल स्वयं वैश्य समाज से आते और अपने दोनों प्रतिनिधि को भी वैश्य समाज से बनाकर पार्टी के नारा सबका साथ सबका विकास को दर किनारे कर दिया।
जिसको अन्य समाज के लोगों में आक्रोश बढता ही जा रहा है। जिसका पहले तो ब्राह्मण समाज के लोगों ने विरोध किया अन्य समाज के लोगों पहले तो दबी जुबान से अपना विरोध दर्ज कर रहे थे। अब खुलकर बीजेपी सांसद का विरोध कर रहे है। वही भाजपा का परंपरा गत वोट कहे जाने वाले सैनी माली व प्रजापति पाल के समाज के लोगों ने भी खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है। उक्त विरोध भाजपा नेताओं के लिए सिर दर्द बनता जा रहा है। क्योंकि पहले से ही संगठन में गुटबाजी के चलते एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप आये दिन लगते रहते है।
जानकारों की माने तो ऐसी मामलों के कारण भाजपा वोट बैंक लगातार घटता जा रहा है। भाजपा के घटते जनाधार की बात करे तो पिछले दो दशकों भाजपा का नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर कब्जा था। 2023 में भाजपा की गुट बाजी के चलते नगर पालिका अध्यक्ष पद भी गवाना पड़ा था। भाजपा के नाराज कार्यकताओं ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी खासी रूची नही दिखाने के चलते सदर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी को गठबंधन प्रत्याशी से करीब दस हजार वोट कम मिले थे। भाजपा में विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। विरोध बढ़ता रहा तो आने वाले समय में यह है। भाजपा के लिए बड़ा नासूर बनकर उभर सकता है।
जिले को दो बार से पार्टी ने क्षत्रिय समाज से जिला अध्यक्ष बनाकर भाजपा पर जातिवादी आरोप लगा दिए थे वही जिले के दो महामंत्रियों के पद को भी लेकर अभी बवाल थम नहीं था संसद द्वारा बनाए गए वैश्य समाज के दोनों प्रतिनिधियों को लेकर फिर एक बार स्थानीय स्तर पर भाजपा पर जातिवाद एवम गुट बाजी होने के आसार बढ़ने लगे हैं