Delhi government में उड़ रहीं नियमों की धज्जियां
नई दिल्ली। दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देने के करीब एक महीने बाद राजकुमार आनंद गुरुवार को एलजी विनय कुमार सक्सेना से मिले।
New delhi दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देने के करीब एक महीने बाद राजकुमार आनंद गुरुवार को एलजी विनय कुमार सक्सेना से मिले। उन्होंने कहा कि एलजी से उनकी मुलकात का मकसद अपने इस्तीफे के स्टेटस के बारे में जानना था, क्योंकि सीएम जेल में हैं। एलजी से उन्होंने अनुरोध किया कि दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन किसी दलित महिला को बनाया जाए। ऐसा करने से दलित और वंचित महिलाएं अपनी बातें खुलकर रख सकती हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि SC/ST कल्याण निधि का पूरा पैसा सरकार खर्च ही नहीं करती।
इस विभाग को जितना बजट अलॉट किया जाता है, उसका करोड़ों रुपये दूसरे विभागों को डायवर्ट कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 9 साल में विभाग के हजारों करोड़ रुपये दूसरे विभाग को दिल्ली सरकार ने डायवर्ट कर दिए। सरकार में दलितों के मुद्दे को हर स्तर पर नजरअंदाज किया जाता है। इसी वजह से मैंने पद से इस्तीफा दे दिया। मंत्री पद पर रहते हुए भी मैनें दलित समाज के मसलों का समाधान नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि महिला आयोग में दलित महिला का होना जरूरी है। अगर दलित महिला आयोग की अध्यक्ष होगी तो समाज की पीड़ित महिलाओं का दर्द ठीक से समझ सकती है। दलित महिलाएं भी अपनी बातें खुलकर अध्यक्ष के सामने रख सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसी पार्टी या किसी पार्टी के उम्मीदवार की तरफ नहीं जा रहा हूं और न ही बीजेपी जॉइन कर रहा हूं।
मैं आम आदमी पार्टी में इसलिए आया था कि राजनीति बदलेगा तो देश बदलेगा। लेकिन, निराशा ही हाथ लगी।
उन्होंने आगे कहा, कंसलटेंट, एक्सपर्ट और फेलोशीप के रूप में हजारों नियुक्तियां की गईं, लेकिन एक में भी रिजर्वेशन नियमों का पालन नहीं किया गया। रिजर्वेशन नियमों के अनुसार इन भर्तियों में ST को 7.5 प्रतिशत, SC को 15 प्रतिशत और OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए था। सफाई कर्मचारी रेग्यूलराइजेशन नियमों का भी दिल्ली सरकार में पालन नहीं किया गया। वहीं, NDMC में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति इन नियमों के तहत की गई। उन्होंने कहा कि सीएम से उन्होंने दलितों को बोधगया, बाबा साहेब आंबेडकर की जन्मभूमि और चैत्य भूमि तीर्थयात्रा पर भेजने का भी अनुरोध किया था। लेकिन, इस मामले में भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
वेस्ट दिल्ली के पटेल नगर एरिया में दशकों से पानी की किल्लत है। इस समस्या के सामधान के लिए भी सीएम से अनुरोध किया था, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला।