डिलीवरी ब्वॉय हत्याकांड में नया मोड़ः फ्लिपकार्ट में ही काम करता था कातिल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फ्लिपकार्ट के डिलीवरी ब्वॉय भरत कुमार प्रजापति (32) की दो मोबाइल (कुल कीमत एक लाख रुपये) और करीब 35 हजार रुपये लूटकर हत्या

डिलीवरी ब्वॉय हत्याकांड में नया मोड़ः फ्लिपकार्ट में ही काम करता था कातिल

डिलीवरी ब्वॉय हत्याकांड में नया मोड़ः फ्लिपकार्ट में ही काम करता था कातिल; कंपनी ने इसलिए नौकरी से निकाला था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फ्लिपकार्ट के डिलीवरी ब्वॉय भरत कुमार प्रजापति (32) की दो मोबाइल (कुल कीमत एक लाख रुपये) और करीब 35 हजार रुपये लूटकर हत्या करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। हत्या का मुख्य आरोपी चिनहट निवासी गजानन दुबे उर्फ गजेंद्र उर्फ राज फ्लिपकार्ट में ही काम करता था। करीब एक साल पहले गजानन को दो लाख रुपये गबन के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया था। 

आपको बता दें कि भरत के पिता राम मिलन खादी ग्रामोद्योग विभाग में कर्मचारी हैं। भाई प्रेम कुमार अधिवक्ता हैं। ये सभी निशांतगंज में शिक्षा निदेशालय की कॉलोनी में रहते हैं। पिता ने बताया कि गजानन पहले भरत के साथ उसकी कंपनी में काम कर चुका है। ऐसे में पुलिस इस पहलू पर भी तफ्तीश कर रही है कि हत्या की वजह कुछ और तो नहीं है?

उधर, पुलिस भरत के शव को इंदिरा नहर में तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक शव नहीं मिला है। आरोपी गजानन की तलाश में भी पुलिस ने चार-चार टीम लगाई हैं। लेकिन आरोपी का सुराग नहीं लगा है। उधर, मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी को मंगलवार शाम कोर्ट में पेश किया, वहां से वह जेल भेजा गया। आपको बता दें कि चिनहट निवासी गजानन दुबे उर्फ गजेंद्र उर्फ राज ने अपने पड़ोसी हिमांशु कनौजिया के जरिये एक लाख रुपये के दो मोबाइल ऑनलाइन ऑर्डर किए थे।मूलरूप से अमेठी के जामो निवासी भरत कुमार प्रजापति (32) अपनी पत्नी अखिलेश कुमारी के साथ चिनहट इलाके में सतरिख रोड के सविता विहार में रहता था। वह इंस्टा कार्ड प्रा.लि कंपनी में डिलीवरी ब्वॉय था। 24 सितंबर की दोपहर 49 ग्राहकों का सामान पहुंचाने के लिए भरत दफ्तर से निकला। इस दौरान गजानन ने अपने साथी आकाश शर्मा के साथ मिलकर भरत की हत्या कर दी थी। दो मोबाइल (कुल कीमत एक लाख रुपये) और करीब 35 हजार रुपये लूट लिए। फिर डिलीवरी ब्यॉय के बैग में ही उसका शव डाला और बाराबंकी के माती इलाके में जाकर इंदिरा नहर में फेंक दिया।

उसके देर रात तक न लौटने पर हब इंचार्ज आदर्श कोष्टा ने परिजन को जानकारी देने के साथ चिनहट थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। गुमशुदगी दर्ज करने के बाद सोमवार को पुलिस ने घटना का पर्दाफाश किया था। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि आरोपी आकाश शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। उसके पास से मृतक का मोबाइल व उससे लूटा गया वो सामान जो भरत डिलीवरी करने के लिए निकला था वह सब बरामद हो गया। गजानन की तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं।

पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी गजानन और आकाश ने पहले भरत को जमकर पीटा था। फिर आकाश उसके हाथ पकड़कर ऊपर बैठ गया था। तब गजानन ने लैपटॉप के चार्जर की केबल से उसका गला कस दिया था।

आरोपियों ने डिलीवरी बॉय भरत के साथ बेरहमी से मारापीट की थी। जिससे भरत का काफी खून भी बहा था। भरत की हत्या के बाद आरोपियों ने फर्श पर फैले खून को साफ किया। आरोपियों ने फर्श पर फैले खून को पानी से धुला। ताकि सुबूत न रहें। इसके बाद शव ठिकाने लगाने के बाद कार की भी साफ-सफाई की थी। ताकि कार में कोई सुबूत बाकी न रहें।

वारदात देवा रोड स्थित बाबा अस्पताल के पास घर में अंजाम दी गई। जांच में सामने आया कि हिमांशु कनौजिया ने अपने फोन से दोनों मोबाइल ऑर्डर किए थे। 24 सितंबर की दोपहर जब भरत ने कॉल किया तो उसने गजानन से कांफ्रेंसिंग पर बात कराई। गजानन ने कहा, वह मोबाइल रिसीव कर लेगा। जब दोपहर को भरत मोबाइल लेकर पहुंचा तो गजानन ने आकाश के साथ मिलकर उसे घर के अंदर घसीट लिया। फिर हत्या कर मोबाइल और पैसे लूट लिए। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों ने भरत की लाश के टुकड़े किए और फिर उसके बाद उसे नहर में फेंका।

डीसीपी के मुताबिक, भरत कुल 49 पैकेट डिलीवर करने निकले थे। इसमें 18 लोगों को वह सामान डिलीवर कर चुके थे। जब मोबाइल देने पहुंचे थे तब हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद बचा हुआ सामान गजानन डिलीवर करने निकला था। तीन लोगों को सामान दे भी दिया था। लेकिन फिर लौट आया था।आरोपियों ने वारदात के बाद सुबूत मिटाने की कोशिश की। सबसे पहले भरत की बाइक दूसरे मोहल्ले में खड़ी की। फिर अपने मोबाइल से कॉल लॉग आदि डिलीट किया। उसके बाद शव ठिकाने लगाया।

लेकिन, शायद वह भूल गए थे कि कदम-कदम पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो चुके हैं। कॉल डिटेल व लोकेशन के जरिए फंस चुके हैं।

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