प्रेस को मिले चतुर्थ स्तम्भ का संवैधानिक स्थान अलीगढ़ से उठी आवाज़ पहुंचेगी संसद तक
अलीगढ़। देश को स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 साल बाद भी प्रेस( पत्रकारिता) को संवैधानिक स्थान नहीं मिल पाया है। अब समय की मांग है कि इस ओर देश के राष्ट्रपति और संसद को विचार कर लोकतंत्र में अहम स्थान रखने बाली प्रेस को यह सम्मान दिलवाना चाहिए।
प्रेस को मिले चतुर्थ स्तम्भ का संवैधानिक स्थान अलीगढ़ से उठी आवाज़ पहुंचेगी संसद तक
अलीगढ़। देश को स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 साल बाद भी प्रेस( पत्रकारिता) को संवैधानिक स्थान नहीं मिल पाया है। अब समय की मांग है कि इस ओर देश के राष्ट्रपति और संसद को विचार कर लोकतंत्र में अहम स्थान रखने बाली प्रेस को यह सम्मान दिलवाना चाहिए। यह आवाज संविधान दिवस के अगले दिन अलीगढ़ की सरजमीं से वरिष्ठ पत्रकार पंकज धीरज ने पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी पार्क में अन्य साथियों के साथ उठाई है।
उन्होंने कहा है कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के साथ ही प्रेस लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ है। तीनों स्तंभों की गतिविधि की जानकारी भी प्रेस द्वारा जनसामान्य तक पहुंचाई जाती रही है लेकिन आज तक प्रेस को संवैधानिक रूप से सम्मान न मिल पाना चिंता का विषय है। इस विषय को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल देश के राष्ट्रपति से मिलने जाएगा। साथ ही देशभर के सांसदों से इस प्रस्ताव को स्वीकृति दिलवाने के लिए संपर्क किया जाएगा।
इस दौरान उपस्थित सुबोध सुह्रद, सुरेन्द्र शर्मा, आरपी शर्मा, देवेंद्र वार्ष्णेय, मो. कामरान, जितेंद्र गुप्ता, मनोज चौहान आदि ने भी देश के लोकतंत्र को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए उक्त बात का समर्थन किया और इस कार्य के लिए पंकज धीरज को संयोजक बनाया गया।