श्रीमद्भागवत सेवा संस्थान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमद्भागवत जयंती समारोह का आयोजन
वृन्दावन।सेवा कुंज इमलीतला स्ट्रीट स्थित श्रीआचार्य पीठ में श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति एवं श्रीमद्भागवत सेवा संस्थान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमद्भागवत जयंती समारोह का आयोजन अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।
भूत,भविष्य, वर्तमान एवं धर्म, ज्ञान, वैराग्य की त्रिवेणी है श्रीमद्भागवत : आचार्य पीठाधीश्वर यदुनंदनाचार्य महाराज
वृन्दावन।सेवा कुंज इमलीतला स्ट्रीट स्थित श्रीआचार्य पीठ में श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति एवं श्रीमद्भागवत सेवा संस्थान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमद्भागवत जयंती समारोह का आयोजन अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है। महोत्सव का शुभारंभ मंगलदीप प्रज्ज्वलन, महापुराण का वैदिक मंत्रोच्चार व वेद की ऋचाओं के मध्य शास्त्रोक्त विधि से पूजन-अर्चन के साथ हुआ।जिसके अंतर्गत 1008 तुलसी दल से सहस्त्रार्चन किया गया।साथ ही महाआरती की गयी।तत्पश्चात ओम वेद विद्यालय द्वारा संस्कृत अध्ययन कर रहे 21 विद्यार्थियों को श्रीमद्भागवत महापुराण धर्मग्रंथ का अध्ययन व अभ्यास के लिए वितरण किया गया।इसके अलावा 7 विद्वानों द्वारा भागवत का मूल पाठ प्रारंभ किया गया।
समारोह संयोजक व आचार्य पीठाधीश्वर यदुनंदनाचार्य महाराज ने कहा कि आज के ही दिन यानि भाद्रपद शुक्ल नवमी को शुकदेवजी के द्वारा राजा परीक्षित को पूरे एक सप्ताह तक भागवत का श्रवण कराया था।क्योंकि श्रीमद्भागवत महापुराण भूत, भविष्य, वर्तमान व धर्म, ज्ञान, वैराग्य की त्रिवेणी है।समिति संस्थापक पंडित अमित भारद्वाज ने कहा भागवत सकल मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला चैतन्य ग्रंथ एवं श्रीकृष्ण का वांग्मय विग्रह है।इसीलिए इस ग्रंथ का श्रवण करने के लिए देवतागण भी लालायित रहते हैं।स्वागत अध्यक्ष आचार्य शिवओम गौड़ शास्त्री ने कहा कि समस्त पुराणों का सार श्रीमद्भागवत में समाहित है। 18 सितंबर को समापन दिवस पर "वर्तमान में श्रीमद्भागवत की प्रासंगिकता" विषय पर संगोष्ठी एवं ब्रजमण्डल के भागवत विद्वानों का सम्मान समारोह होगा।
इस अवसर पर युवराज वेदांत आचार्य, वैष्णव आचार्य, अभिषेक दुबे, ऋतिक मिश्रा अभिषेक तिवारी, अमन पांडेय एवं सौरव तिवारी आदि की उपस्थिति विशेष रही।