उप्र : मकर संक्रांति पर 1.60 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी अखाड़ों का अमृत स्नान जारी

महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार कोसुबह से अखाड़ों के साधु संतों का अमृत स्नान जारी है।

उप्र : मकर संक्रांति पर 1.60 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी अखाड़ों का अमृत स्नान जारी

उप्र : मकर संक्रांति पर 1.60 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी अखाड़ों का अमृत स्नान जारी

महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार कोसुबह से अखाड़ों के साधु संतों का अमृत स्नान जारी है। इस बीच, दोपहर 12 बजे तक 1.60 करोड़श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला प्रशासन ने यह जानकारी दी।अखाड़ों के अमृत स्नान में सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटलअखाड़ा के साधु संतों ने ‘हर हर महादेव’ के उद्घोष के साथ संगम पर अमृत स्नान किया।

अमृत स्नान के उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर चेतनगिरी जी महाराज ने कहा, “हर 12साल में पूर्ण कुम्भ प्रयागराज में होता है और 12 पूर्ण कुम्भ होने पर, 144 साल बाद यह महाकुम्भआता है। बहुत भाग्यशाली लोगों को महाकुम्भ में स्नान का अवसर मिलता है।” उन्होंने बताया किमहानिर्वाणी अखाड़े से 68 महामंडलेश्वर और हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया।महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के बाद तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा केसाधु संतों ने अमृत स्नान किया। इसमें सबसे आगे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी चलरहे थे। उनके बाद अखाड़ा के झंडे और फिर आराध्य देवता कार्तिकेय स्वामी और सूर्य नारायण कीपालकी थी।

इनके पीछे नागा सन्यासियों की टोली थी। इन सभी के बीच निरंजनी अखाड़ा के आचार्यमहामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि एक भव्य रथ पर सवार थे।अमृत स्नान के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “हम सात बज कर 15मिनट पर स्नान घाट पर पहुंचे और सात बज कर 45 मिनट पर हमने स्नान कर घाट खाली करदिया। आधे घंटे में निरंजनी और आनंद अखाड़े के हजारों साधु संतों ने स्नान किया। निरंजनी अखाड़ेके 35 महामंडलेश्वरों ने और हजारों की संख्या में नागा सन्यासियों ने अमृत स्नान किया।”
निरंजनी अखाड़े की साध्वी और पूर्व मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, “घाट पर युवाओं की भीड़यह बताती है कि उनमें सनातन धर्म के प्रति कितनी आस्था है।

जब भी किसी ने सनातन धर्म कोचुनौती दी, युवा और संत समाज ने आगे आकर धर्म की रक्षा की।”निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े के बाद संख्या बल में सबसे अधिक जूना अखाड़े और आवाहनअखाड़े के हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया। जूना अखाड़े के पीछे किन्नर अखाड़ा के भी सैकड़ोंसंतों और महामंडलेश्वरों ने भी अमृत स्नान किया।जूना अखाड़े के आचार्यमहामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भव्य रथ पर सवार होकर स्नान घाटपर आए और उनके साथ हजारों की संख्या में नागा सन्यासी भी थे। बारी बारी से तेरह अखाड़ों काअमृत स्नान शाम चार बजे तक पूरा होने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह हमारीसनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व मकर संक्रांति केपावन अवसर पर महाकुम्भ 2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में प्रथम अमृत स्नान कर पुण्यअर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन।’कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद प्रयागराज में हर दिशा से जनसैलाब सुबह से ही संगम की ओरजाता दिखाई दिया।

आम श्रद्धालु स्नान के साथ ही संगम क्षेत्र में अखाड़ों के साधु संतों के भी दर्शनकर रहे हैं।