उत्तर प्रदेश में हिंसा के सिलसिले में अब तक 337 लोग गिरफ्तार

लखनऊ, 14 जून उत्तर प्रदेश पुलिस ने पैगंबर मोहम्मद पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा

उत्तर प्रदेश में हिंसा के सिलसिले में अब तक 337 लोग गिरफ्तार

लखनऊ, 14 जून । उत्तर प्रदेश पुलिस ने पैगंबर मोहम्मद पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित
प्रवक्ता नुपुर शर्मा की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई

हिंसा के सिलसिले में अब तक
कुल 13 प्राथमिकी दर्ज की और इस मामले में 325 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने इसकी जानकारी
दी।

राज्य के आठ जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शर्मा की कथित टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किये
गये थे।


अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार की सुबह यहां जारी एक बयान में बताया,
‘राज्य के आठ जिलों से 337 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इस संबंध में नौ जिलों में 13 प्राथमिकी दर्ज


की गई।’’ जिलेवार ब्यौरा देते हुए कुमार ने बताया, ‘प्रयागराज में 92, सहारनपुर में 83, हाथरस में 52, आंबेडकर
नगर में 41, मुरादाबाद में 40, फिरोजाबाद में 18, अलीगढ़ में छह और जालौन में पांच लोगों को गिरफ्तार किया


गया है।’ कुमार ने बताया कि प्रयागराज और सहारनपुर में तीन-तीन प्राथमिकी तथा फिरोजाबाद, अलीगढ़, हाथरस,
मुरादाबाद, आंबेडकरनगर, खीरी और जालौन में एक-एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर जिले में तीन जून को हुई हिंसा और इसके बाद विभिन्न जिलों में शुक्रवार
को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा की घटनाओं का संज्ञान लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को


निर्देश दिये थे कि उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी जाए। प्रयागराज और सहारनपुर समेत राज्य के कई
जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद लोगों ने नारेबाजी की थी और पथराव किया था।


लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर और
लखनऊ जिलों से नमाज के बाद नारेबाजी की सूचना मिली थी। उन्होंने कहा कि सहारनपुर, मुरादाबाद और रामपुर


में जुमे की नमाज के बाद लोगों ने सड़कों पर नारेबाजी की थी।

पुलिस के मुताबिक लखनऊ के चौक इलाके में
स्थित टीले वाली वाली मस्जिद के अंदर भी कुछ देर के लिए नारेबाजी हुई थी।

गत तीन जून को कानपुर के कुछ
हिस्सों में भी हिंसा भड़क गई थी।