जल निगम द्वारा क्षतिग्रस्त की गई सड़कों का मुद्दा विधायक मनोज पारस ने सदन में उठाया
नगीना : नगीना के सपा विधायक मनोज पारस ने हर घर जल योजना के अंतर्गत सड़कों को खोदकर डलवाई जा रही पाईप लाईन मामले की जांच करा कर कार्रवाई की मांग की है।विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए नगीना विधायक मनोज पारस ने कहा कि कार्यदायी संस्था शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाईन डालने के लिए सड़कों को खोद दिया
आज का मुद्दा बिजनौर ज़िला प्रभारी सैय्यद असद सुल्तान
नगीना : नगीना के सपा विधायक मनोज पारस ने हर घर जल योजना के अंतर्गत सड़कों को खोदकर डलवाई जा रही पाईप लाईन मामले की जांच करा कर कार्रवाई की मांग की है।विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए नगीना विधायक
मनोज पारस ने कहा कि कार्यदायी संस्था शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाईन डालने के लिए सड़कों को खोद दिया गया है।लेकिन पाइप लाइन डालने के बाद भी मरम्मत नहीं की गई है।
विधायक मनोज पारस ने जलशक्ति मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मात्र दो इंच व्यास का पाईप डाला जा रहा है और पानी की सप्लाई के लिए दो तीन किलोमीटर दूर ट्यूबवेल बनवाए जाएंगे तो हर घर में निर्बाध रूप से पानी की सप्लाई कैसे हो पाएगी।
रिपेयर कार्यदायी संस्था द्वारा मानक के अनुरूप कराने तथा तोड़ी गई सड़कों को पूर्व की भांति कराने की मांग की।विधायक मनोज पारस ने पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग भी की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर घर जल योजना के अंतर्गत जल निगम द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों को खोदकर डलवाई जा रही पाईप लाईन के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी गई सड़कों को दो माह बीत जाने के बाद भी कार्यदायी संस्था द्वारा रिपेयर न
कराने के मुद्दे को विधानसभा के सदन में जोरदार ढंग से उठाते हुए नगीना के सपा विधायक मनोज पारस ने जलशक्ति मंत्री से कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों द्वारा बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी गई सड़कों को अविलंब रिपेयर कराने की मांग की है।
जल निगम मुरादाबाद की कार्यदायी संस्था द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाईन डालने के लिए खोदी जा रही रही सड़कों की दो माह बाद भी मरम्मत न किए जाने के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
टू व्हीलर निकालने में लोगों को दिक्कत हो रही है और बुरी तरह क्षतिग्रस्त सड़कों पर गहरे गहरे गड्ढे होने के कारण दुपहिया वाहन अक्सर डिस्बेलेंस होकर फिसल रहे हैं
बच्चें अक्सर फिसल कर गिर रहे हैं और कभी कभी उनको चोट भी लग जाती है।
शहरी क्षेत्र में सबसे बुरी हालत लाइनपार आजाद कॉलोनी की है।यहां कालाखेड़ी जाने वाली मेन रोड से पश्चिम की बस्ती की ओर जाने वाली टावर वाली मुख्य सड़क को करीब ढाई माह पूर्व खोद दिया गया था और पाइप लाइन डाल दी गई थी लेकिन
ढाई माह बीत जाने के बाद भी मरम्मत नहीं की गई है।जिससे बच्चों,महिलाओं व लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।मंडी समिति से छोटे सब्जी विक्रेता व ठेले पर सब्जी बेचने वाले फुटकर व्यापारी भी सुबह सात बजे से आठ बजे तक थोक
में सब्जियां खरीद कर ई रिक्शाओं को भी इसी सड़क से निकालते हैं
जिससे सुबह को स्कूल जाने वाले बच्चों तथा अपने कार्यालय व दुकानों पर जाने वाले कामकाजी लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
हर घर जल योजना के अंतर्गत पाईप लाईन डालने का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। कार्यदायी संस्था की लेबर अपनी मर्जी से सड़क खोदकर दूसरी साइट पर चली जाती है
और फिर कईं कईं दिन बाद आकर अपनी मर्जी से काम शुरू करती है।निरंकुश लेबर सड़क खोदने में इतनी लापरवाही बरत रही है कि कईं लोगों के घरों में नगर पालिका की वाटर सप्लाई वाली पाईप लाईन को भी तोड़ देती है और अगर प्रभावित परिवार की
महिलाएं आपत्ति जताती हैं तो बेलगाम लेबर महिलाओं व लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं।जल निगम मुरादाबाद के जेई तथा ठेकेदार का कोई प्रतिनिधि साइट पर दिखाई नहीं देता है।रिपेयर के लिए मंगाई गई रेत बजरी को सड़क के बीचों बीच डाल देते हैं
और यह मटेरियल कईं दिन तक ऐसे ही पड़ा हुआ रहता है जिस पर स्कूटर बाइक स्कूटी फिसल कर गिर रहे हैं और लोग चोटिल
हो रहे हैं। पानी के टैंकर भी दो दो तीन तीन दिन तक सड़कों के बीच में ही खड़े रहते हैं।जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री की हर घर जल योजना के तहत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप लाईन डालने का काम पिछले ढाई तीन महीने से चल रहा है। मेन पाईप लाईन डालने के बाद अब हर घर में पानी का कनेक्शन लगाने का काम भी चल रहा है।घर के मुखिया के आधार
कार्ड के मुताबिक कनेक्शन किए जा रहे हैं।यदि किसी मकान/भवन में तीन परिवार रह रहे हैं तो अलग अलग तीन कनेक्शन किए जा रहे हैं।जल निगम के जेई तथा ठेकेदार के प्रतिनिधि तो साइट पर आते ही नहीं हैं।
लेकिन जब महिलाएं काम करने वाले लोगों से पानी की सप्लाई के बारे में मालूम करती हैं तो वे बताते हैं कि पानी की सप्लाई आठ महीने बाद ही शुरू होने की संभावना है।