प्रेग्नेंसी रहेगी खुशनुमा!

गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय होता है। एक ओर अपने अंश को इस दुनिया में लाने का उल्लास मन में होता है तो दूसरी ओर गर्भावस्था के दौरान होने वाली शारीरिक परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ता है।

प्रेग्नेंसी रहेगी खुशनुमा!

गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय होता है। एक ओर अपने अंश को इस दुनिया में लाने
का उल्लास मन में होता है तो दूसरी ओर गर्भावस्था के दौरान होने वाली शारीरिक परेशानियों का सामना उन्हें
करना पड़ता है। गर्भावस्था से जुड़ी कुछ बेहद आम शारीरिक परेशानियों से कैसे निबटें, बता रही हैं हम।


उल्टी आना:- उल्टी आना गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकता है और आमतौर पर गर्भावस्था के
छठे सप्ताह से शुरू हो जाता है। अमूमन यह गर्भावस्था के पहली तिमाही की शिकायत है और दूसरी तिमाही शुरू
होने के बाद धीरे-धीरे यह परेशानी अपने-आप खत्म हो जाती है।

गर्भावस्था के दौरान शरीर के भीतर हार्मोन्स तेजी
से बढ़ते हैं और इस वजह से गर्भावस्था के शुरुआत में जी मचलता है और उल्टी आती है। कई डॉंक्टरों का मानना
है कि उल्टी आना एक शुभ लक्षण है क्योंकि इसका अर्थ है कि शिशु का अच्छी तरह से विकास हो रहा है। पर,
अगर उल्टी बहुत ज्यादा आ रही हो तो इस स्थिति में जल्द-से-जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लें।
पीठ दर्द एवं अन्य दर्द व पीड़ाएं:- गर्भावस्था के दौरान, अधिकांश महिलाएं पीठ दर्द और अन्य पीड़ाओं से ग्रस्त
रहती हैं। अधिकतर इस पीड़ा का कारण आपका बढ़ता हुआ भार है

जो आपकी पीठ पर बहुत ज्यादा दबाव और
तनाव डालता है। जैसे-जैसे गर्भ में शिशु का विकास होता है और गर्भाशय फैलता है

, गर्भवती महिला के शरीर के
विभिन्न अंगों में दर्द भी बढ़ने लगता है। गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द से बचने के लिए लगातार एक ही मुद्रा में
न रहें। चलती-फिरती रहें।

पर्याप्त मात्रा में आराम करें और नींद लें। अपनी कमर को आराम देने के लिए थोड़ी-
बहुत दिन में भी नींद लें। यदि दर्द असहनीय हो जाए और आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रहा हो, तो अपने
डॉंक्टर से मिलकर परामर्श लें कि कौन-सी दवा लेना सुरक्षित रहेगा।


कब्ज:- अधिकांश गर्भवती महिलाओं को कब्ज की शिकायत रहती है। हार्मोन्स में आए बदलाव के कारण शरीर की
पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और आंतों की शिथिल मांसपेशियां कब्ज पैदा कर देती हैं।

गर्भावस्था के आखिरी
दो तिमाही में आंतों पर गर्भाशय का दबाव कब्ज पैदा कर देता है। इससे निजात पाने के लिए रोजाना फाइबर
(रेशेदार) युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल एवं सब्जियों व दालों का ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सेवन करें। खूब पानी
पिएं। कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें,

क्योंकि कैफीन से आपका शरीर नियमित रूप से मल
त्यागने के लिए आवश्यक द्रवों को नष्ट कर देता है।


नींद से जुड़ी परेशानियां:- अधिकांश महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली अनेक शिकायतों की वजह से
पर्याप्त मात्रा में नींद लेने में दिक्कत होती है।

गर्भावस्था के दौरान और विशेषकर पहली तिमाही में, आप बहुत
ज्यादा थका हुआ महसूस करती हैं और आपको सामान्य की अपेक्षा अधिक नींद की जरूरत होती है।

अच्छी नींद के
लिए सोने से पहले बहुत ज्यादा खाना न खाएं। एक बार में ज्यादा खाने से आपको अपच या छाती में जलन की
शिकायत हो सकती है। सोने से पहले चाय,

कॉफी या चॉकलेट आदि का सेवन न करें। इससे आपको नींद नहीं
आएगी। दिन के समय ताजा हवा लें और कुछ व्यायाम करें। गर्भावस्था के दौरान बाहर घूमना एक अच्छा व्यायाम
है।