नोएडा-गाजियाबाद वालों को अब दिल्ली एयरपोर्ट जाने की जरूरत नहीं

नोएडा-गाजियाबाद वालों को अब फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाने की जरूरत नहीं है।

नोएडा-गाजियाबाद वालों को अब दिल्ली एयरपोर्ट जाने की जरूरत नहीं

टाटा ग्रुप की कम लागत वाली एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस इस बार गर्मियों में दिल्ली एनसीआर के तीनों हवाई अड्डों से उड़ान भरेगी।

नोएडा-गाजियाबाद वालों को अब फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाने की जरूरत नहीं है। टाटा ग्रुप की कम लागत वाली एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस इस बार गर्मियों में दिल्ली एनसीआर के तीनों हवाई अड्डों से उड़ान भरेगी। एयरलाइन ने 1 मार्च से गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से बेंगलुरु, गोवा और कोलकाता के बीच सीधी फ्लाइट शुरू करने की घोषणा की है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि उसकी उड़ानें नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी संचालित होंगी। इस एयरपोर्ट से कमर्शियल सर्विसेज 30 अप्रैल तक या उससे पहले शुरू होने की संभावना है।

कंपनी के सूत्रों ने कहा, 'हम पहले दिन से ही नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मौजूद रहना चाहते हैं। एयरलाइन के पास अभी लगभग 100 विमान हैं। इस साल कंपनी को 15 और विमान मिलने वाले हैं। आईजीआई एयरपोर्ट, हिंडन और ग्रेटर नोएडा सभी अलग-अलग कैचमेंट क्षेत्र हैं। इसलिए एयर इंडिया एक्सप्रेस एनसीआर के तीनों एयरपोर्ट्स से उड़ान भरेगी।' एयर इंडिया एक्सप्रेस एकमात्र बड़ी एयरलाइन है जिसने हिंडन से फ्लाइट्स की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि नवी मुंबई एयरपोर्ट से भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ खुलने की उम्मीद है। उसके बारे में जल्द ही ग्रुप लेवल पर फैसला लिया जा सकता है। हालांकि मुंबई का छत्रपति शिवाजी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहले से ही अधिकतम क्षमता पर काम कर रहा है। इसलिए विमानन कंपनियों के लिए फ्लाइट्स जोड़ने का मतलब नवी मुंबई एयरपोर्ट जाना है। बड़ी एयरलाइन्स में अब तक केवल इंडिगो ने ही नोएडा और नवी मुंबई एयरपोर्ट्स के लिए अपनी योजना घोषित की है। उसने इन दोनों एयरपोर्ट्स पर वैलिडेशन फ्लाइट्स ऑपरेट की हैं।

उद्घाटन की तारीख के बारे में पूछे जाने पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने कहा, 'हम तेजी से ऑपरेशनल रेडीनेस की तरफ बढ़ रहे हैं।

वैलेडेशन फ्लाइट्स की सफलता ने इसमें अहम मील का पत्थर हासिल किया है और अब हम आवश्यक लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं पर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर में अपने काम को आगे बढ़ा रहा है। पैसेंजर टर्मिनल और इससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण लगातार चल रहा है।'

एयरपोर्ट्स इकनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (AERA) कैपेक्स एक्सपेंडीचर की जांच कर रही है और फिर एयरपोर्ट के लिए टैरिफ निर्धारित किया जाएगा। एयरलाइन टिकट की बिक्री फरवरी-मार्च से शुरू होने की उम्मीद है। यदि टैरिफ ऑर्डर में समय लगता है, तो रेगुलेटर एक एडॉक ऑर्डर जारी करता है जो एयरलाइनों को हवाई किराया निर्धारित करने और यूडीएफ चार्ज करने की अनुमति देता है। यूडीएफ एयरपोर्ट ऑपरेटर को जाता है।

यह व्यवस्था अंतिम आदेश जारी होने तक जारी रहती है। टैरिफ ऑर्डर में एयरलाइनों के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क तथा यात्रियों के लिए उपयोगकर्ता शुल्क शामिल हैं।