Noida 54 अस्पतालों में आग से बचाव के नहीं हैं पर्याप्त इंतजाम

नोएडा।पिछले माह झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना के बाद गौतमबुद्ध नगर का दमकल विभाग सतर्क हो गया है। इसी सर्तकता के चलते दमकल विभाग के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के अस्पतालों का निरीक्षण किया।

Noida 54 अस्पतालों में आग से बचाव के नहीं हैं पर्याप्त इंतजाम

Noida 54 अस्पतालों में आग से बचाव के नहीं हैं पर्याप्त इंतजाम

नोएडा।पिछले माह झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना के बाद गौतमबुद्ध नगर का दमकल विभाग सतर्क हो गया है। इसी सर्तकता के चलते दमकल विभाग के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के अस्पतालों का निरीक्षण किया। इस दौरान 188 अस्पतालों में से 54 अस्पतालों में अग्निशमन की दृष्टि से अनेक खामियां मिलीं। जिस पर विभाग ने अब रिपोर्ट तैयार कर इन अस्पतालों के प्रबंधन को आग से बचाव की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए नोटिस जारी किए हैं।

वहीं, निर्धारित अवधि में व्यवस्थाएं दुरुस्त न करने पर संबंधित विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। बता दें कि पिछले महीने झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना के दौरान दस नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी। इसको लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के सभी अस्पतालों के फायर सेफ्टी ऑडिट कराने के आदेश दिए थे। आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम हैं या नहीं इसकी जांच की जाए, जो भी कमी हो उसे तत्काल दूर कराने के निर्देश दिए थे।

अब इसी क्रम में गौतमबुद्ध नगर दमकल विभाग के अधिकारियों की ओर से टीम गठित कर जिले के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट किया गया। इस दौरान कई अस्पतालों में खामियां मिली। इनमें जिला अस्पताल, चाइल्ड पीजीआई और ईएसआईसी अस्पताल भी शामिल हैं। हालांकि, इन अस्पतालों में आग बुझाने के लिए जो मशीनरी लगी हैं, उनमें मामूली सुधार की जरूरत है। इस संबंध में दमकल विभाग द्वारा अस्पताल प्रबंधन को बिंदुवार जानकारी दे दी गई है। बता दें कि पिछले वर्ष 2023 में भी 188 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फायर सेफ्टी का ऑडिट किया गया था। उस दौरान करीब 80 अस्पतालों में खामियां मिली थीं।

समय-समय पर कराई जाएगी मॉकड्रिल

शासन से विभाग को निर्देश मिले हैं कि अस्पतालों में आग से बचाव के लिए लगाए गए सभी उपकरणों की समय-समय पर जांच की जाए। आग लगने पर निकासी की व्यवस्था पर्याप्त है या नहीं और कहीं कोई बिजली के तार तो लटके नहीं हैं। वहीं, धुआं निकालने के लिए एग्जॉस्ट फैन की व्यवस्था है या नहीं। पानी के हाइड्रेंट के पाइप भी देखे जाएं।

सीएचसी-पीएचसी पर भी किए जाएं साधन

शासन से निर्देश मिले हैं कि मेडिकल कॉलेजों, मंडलीय और जिला अस्पतालों के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर भी आग से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। सभी अस्पतालों को चेक लिस्ट दे दी गई है। फायर अलार्म चेक किए जाएं। वार्डों के बाहर नोटिस बोर्ड पर दर्ज करें कि आग से बचाव के लिए क्या-क्या उपाए किए जाएं। सरकार की ओर से मानक के अनुसार जिन उपकरणों को लगाने के निर्देश हैं, उन्हें ही लगाया जाए।

निजी अस्पतालों पर कसेगा शिकंजा

दमकल विभाग को शासन से निर्देश मिले हैं कि निजी अस्पतालों की भी निगरानी सख्ती के साथ की जाए। सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी निजी अस्पताल संचालकों से संपर्क कर फायर सेफ्टी ऑडिट, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट और मॉकड्रिल कराने की पुख्ता व्यवस्था करें। जहां कमियां हैं उन्हें दूर किया जाए। निर्देश के बावजूद लापरवाही बरतने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

निरीक्षण के दौरान कई अस्पतालों में खामियां मिलीं हैं। उन अस्पतालों के प्रबंधन को नोटिस जारी कर व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कहा है, ताकि घटना होने पर जान और माल का बचाव किया जा सके