बेंगलुरु की 200 से अधिक मस्जिदों और मंदिरों को पुलिस ने भेजे नोटिस

बेंगलुरु, 07 अप्रैल ( बेंगलुरु पुलिस ने गुरुवार को 301 मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और अन्य प्रतिष्ठानों को अपने लाउडस्पीकर का उपयोग अनुमति के अनुसार डेसिबल स्तर के भीतर करने के लिए नोटिस जारी किया है।

बेंगलुरु की 200 से अधिक मस्जिदों और मंदिरों को पुलिस ने भेजे नोटिस

बेंगलुरु, 07 अप्रैल  बेंगलुरु पुलिस ने गुरुवार को 301 मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और अन्य प्रतिष्ठानों को
अपने लाउडस्पीकर का उपयोग अनुमति के अनुसार डेसिबल स्तर के भीतर करने के लिए नोटिस जारी किया है।


301 नोटिसों में से 59 पब, बार और रेस्तरां को, 12 उद्योगों को, 83 मंदिरों को, 22 चर्चों को और 125 शहर भर
की मस्जिदों को दिए गए हैं।

बता दें कि यह कदम कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा ध्वनि प्रदूषण नियमों का
उल्लंघन करने वाले लाउडस्पीकरों को बंद करने की मांग के बाद उठाया गया है।


मस्जिदों से अब नहीं आएगी ज्यादा आवाज
वहीं वहां के जामिया मस्जिद के मौलाना मकसूद इमरान रशीदी (इमाम) ने बताया कि उन्हें पुलिस विभाग से
नोटिस मिला है

और वे उस आदेश का पालन करेंगे जो लाउडस्पीकर के डेसिबल से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों
के अनुसार दिया गया है।

उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और
अगर आदेशों का पालन नहीं किया जाता है

तो कार्रवाई शुरू की जाएगी। इमरान रशीदी के अनुसार मस्जिदों में एक
डिवाइस को फिट करना शुरू कर दिया गया है जो यह सुनिश्चित करता है कि ध्वनि अनुमेय स्तर को पार न करे
और कोई भी परेशान न हो।


मल्लिकार्जुन खड़गे बोले-ध्रुवीकरण की हो रही राजनीति
कांग्रेस नेता और आरएस एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे ने लाउडस्पीकर मामले में कहा कि हर किसी को उच्च
न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए,

लेकिन यह गलत होगा अगर इस तरह के मुद्दों (अज़ान मुद्दा) को
समाज में सांप्रदायिक दरार पैदा करते हुए केवल ध्रुवीकरण के राजनीतिक उद्देश्य के लिए लाया जाता है। यह
सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रतिकूल होगा।


नागपुर के इमाम बोले अजान से नहीं होता शोर
इस बीच जामा मस्जिद नागपुर के अध्यक्ष मोहम्मद हाफिजुर रहमान ने कहा कि अजान अधिकतम ढाई मिनट ही
लंबा होता है और इसकी आवाज सीमा के भीतर रहती है

और ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में नहीं आती है। उन्होंने साथ
ही आरोप लगाया कि अन्य कार्यक्रम अधिक शोर पैदा करते हैं।