सात अवैध कॉलोनी बुलडोजर से ढहाई
ग्रेटर नोएडा, 25 मई यमुना प्राधिकरण ने बुधवार को टप्पल क्षेत्र में सात अवैध कॉलोनी और एक होटल को बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया।
ग्रेटर नोएडा, 25 मई ( यमुना प्राधिकरण ने बुधवार को टप्पल क्षेत्र में सात अवैध कॉलोनी और एक
होटल को बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया। तीन कॉलोनी में घर बनने शुरू हो गए थे। बिना अनुमित के यहां पर
निर्माण कार्य किए गए थे। प्राधिकरण ने कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पुलिस में
तहरीर दे दी है।
यमुना प्राधिकरण का अधिसूचित क्षेत्र छह जिलों गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा
हैं। प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध निर्माण किया जा रहा है। जब से जेवर एयरपोर्ट का निर्माण शुरू हुआ है
तब से अवैध निर्माण और तेज हो गया है। यमुना प्राधिकरण भी अवैध निर्माण के खिलाफ चला रहा है। इसी के
तहत प्राधिकरण की टीम ने अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में बुलडोजर चलाया।
यहां पर काटी जा रही एयरो क्लासिक
सिटी समेत सात अवैध कॉलोनी के निर्माण को ढहा दिया। इसके अलावा एक होटल जेवर हवेली को भी गिरा दिया
गया। इसमें बार भी था। होटल में तीन बुलडोजर एक साथ लगाए गए। अवैध निर्माण हटाने से पहले यमुना
प्राधिकरण ने सभी को नोटिस जारी किए थे।
इसके बाद यह कार्रवाई की गई। टीम की अगुवाई ओएसडी शैलेंद्र
कुमार सिंह ने की। इस दौरान खैर के तहसीलदार, ट
प्पल के थानाध्यक्ष और प्राधिकरण का पुलिस दस्ता मौजूद
रहा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि अलीगढ़ के डोरीपुर, ग्राम खंडेहा और सिमरौठी में
अधिसूचित क्षेत्र में अवैध रूप से निर्माण किया गया था। कुछ लोग यहां पर अवैध रूप से प्लॉट और फार्म हाउस
बेच रहे थे। प्राधिकरण ने अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। गांव डोरीपुर से 17.815 हेक्टेयर, खंडेहा से
3.8327 हेक्टेयर और सिमरौठी से 5.7179 हेक्टेयर से अतिक्रमण हटाया गया।
अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन
की कीमत करीब 274 करोड़ रुपये है। इसी इलाके में प्राधिकरण का लॉजिस्टिक हब प्रस्तावित है।
सीईओ ने बताया
कि यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में लोगों ने बिना अनुमति के निर्माण कार्य कर लिया था।
सभी को
नोटिस दिया गया। इसके बाद कार्रवाई की गई।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के
अनुसूचित क्षेत्र में बिना जांच के कोई जमीन न खरीदें।
भूमाफिया जेवर एयरपोर्ट के नाम लोगों को ठग रहे हैं।
जमीन के बारे में पूरी तस्दीक करने के बाद ही कोई काम करें।