सतलुज घाटी के देवी देवताओं के इतिहास पर समेलन

आनी प्रदेश की प्रसिद्ध शक्तिपीठ देवी माता कुसुम्बा भवानी मन्दिर खेगसू में आउटर सिराज एवं सतलुज घाटी के देवी देवताओं के इतिहास,परम्परा, मेलो,उत्सवों पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

सतलुज घाटी के देवी देवताओं के इतिहास पर समेलन

आनी  प्रदेश की प्रसिद्ध शक्तिपीठ देवी माता कुसुम्बा भवानी मन्दिर खेगसू में आउटर सिराज एवं सतलुज घाटी के देवी देवताओं के इतिहास,परम्परा, मेलो,उत्सवों पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया।बाहरी सराज की सांस्कृतिक पृष्टभूमि और आदि

शक्ति माता कुसुम्बा के बारे में प्रदेश के विद्वानों,शिक्षको,लेखको,इतिहासकारो ने शोधपत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के आयोजक शिक्षक श्यामानंद ने शिमला,मंडी,कांगड़ा,कुल्लू,से आए लेखकों विद्वानों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्यतिथि प्रधान ग्राम

पंचायत बेहना विनोद ठाकुर को समानित किया गया। देवभूमि निरमंड के लेखक इतिहासकार दीपक शर्मा ने निरमंड,अरसू, उरटू बाग सराहन, में ग्रामीण मेलो के इतिहास पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। दीपक शर्मा ने ठिरशु मेले से लेकर बूढ़ी दीवाली सहित सभी

मेलो बारे बताया निरमंड में भगवान परशुराम, दैवीय माता अम्बिका देवता चम्भू, रई जाच,में गाय जाने बाले पहाड़ी गीतों के महत्व पर सुंदर गीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ हिमेन्द्र बाली ने सतलुज घाटी के देवी

देवताओं और विशेषकर आदि शक्ति माता कुसुम्बा पर अपना शोध पत्र पढ़ा। शोधकर्ता ने प्राचीन इतिहास को बखूवी तैयार किया है। देवी माता कसुम्बा भवानी खेगसू का अपना इतिहास है जिसमे शिमला ज़िला की देवी माता कचैड़ी,सहित दर्जनों देवी देवताओं

का इतिहास देव परम्परा जुड़ी है।  यही कारण है कि देवी माता कसुम्बा के प्रति कांगड़ा ज़िला से लेकर शिमला किन्नौर,मंडी कुल्लू तक मान्यता एवं आस्था है। डॉ विनोद आचार्य ने भी सांस्कृतिक संगोष्ठी में भारत देश मे हिन्दू धर्म में देवी देवताओं की अनमोल

संस्कृतिपर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के विशेष अतिथि जिला कांगड़ा के सेवनिर्वित शिक्षक विद्वान शिव प्रसाद शर्मा ने

कहा कि पूरे हिमाचल प्रदेश में देवी देवताओं के प्रति आस्था है परंतु आउटर सिराज की देवी माता कसुम्बा खेगसू के दर्शन उन्हीने 1970 में किए थे वह हर साल देवी माता कुसुम्बा मन्दिर आते है 50 सालो से देवी माता की सेवा करते है।

कार्यक्रम में शिक्षक जितेंद्र शर्मा,प्रधान ग्राम पंचायत दलाश सत्येन्द्र शर्मा,श्यामानंद,एम डी अकेला,दलीप वर्मा,डॉ विनोद आचार्य,शिक्षक श्यामलाल,भिमिराम,राजपाल शर्मा,दीपक शर्मा,सुलोचना शर्मा,डॉ हिमेन्द्र बाली,मोहर सिंह चौहान,शिवराज

शर्मा,छविंद्र शर्मा,चमन शर्मा,सांस्कृतिक कार्य्रकम का मुख्य आकर्षण महिला मंडल चपोहल,महिला मण्डल गोहान,की महिलाओं ने देवी माता की स्तुति पहाड़ी भजनों से की और प्राचीनकाल में गाए जाने बाले गीतों की बेहतरीन प्रस्तुति दी। वाहरी सराज पृष्ठभूमि

पर शोध पत्र और धार्मिक गीतों के कार्यक्रम के बाद रात्रि 8 बजे देवी माता कुसुम्बा भवानी मन्दिर खेगसू में विशाल एवं सयुक्त आरती की गई। देवी माता की पूजा आराधना के साथ गाँव पांजवी के माता के भगत एम डी अकेला परिवार सहित भजनों में लीन हुए। लुहरी स्कूल के छात्र सचिन कुमार ने गणपति तेरी जय हो भजनों से रात्रि जागरण एवं भजन संघ्या में धूम मचाई।