हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित होने से ढीला पड़ता कोरोना
पूरी चार्ज होने पर साइकिल 26 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से 40 किमी तक चलती है। उस पर 170 किलो तक वजन रखा जा सकता है यानी एक व्यक्ति आराम से पीछे बैठ सकता है। आम आदमी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह ई-साइकिल बहुत उपयोगी साबित होने वाली है। ध्रुव विद्युत इलेक्ट्रिक कन्वर्जन किट लगते ही साइकिल हवा से बातें करने लगती है।

टॉकिंग पॉइंट्स
हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित होने से ढीला पड़ता कोरोना
नरविजय यादव
ओमिक्रॉन के आने पर भय का जो माहौल बना था, वो अब उतार पर है, क्योंकि दुनिया भर में पचास फीसदी आबादी में इम्युनिटी विकसित होने का अनुमान है। पश्चिमी देशों में वायरस अभी उत्पाद मचाए है, लेकिन भारत में ओमिक्रॉन कुछ खास असर नहीं दिखा पाया। विशेषज्ञ मानते हैं कि पहली और दूसरी लहर में संक्रमित हुए लोगों में प्राकृतिक तौर पर इम्युनिटी विकसित हो गई थी, जो वैक्सीन लगने के बाद डबल हो गई।humeniti bustar dosh korona
नेचुरल और वैक्सीन दोनों तरह की इम्युनिटी को हाइब्रिड इम्युनिटी कहा जाता है, जिसका लाभ भारत को मिला है और यहां तीसरी लहर कुछ खास प्रभाव नहीं डाल पाई। अब तो करीब करीब सभी राज्यों में नियमों में छूट दी जा रही है और प्रतिबंध हटते जा रहे हैं। स्कूल कॉलेज खुल रहे हैं और बाजारों में रौनक लौटने लगी है। यह एक शुभ संकेत है हम सब के लिए। कोरोना ने दो साल तक अर्थव्यवस्था और पूरी आबादी को बंधक बना लिया था, परंतु मौजूदा हालात संकेत दे रहे हैं कि बुरा वक्त बस गुजरने ही वाला है
आने वाले दिन कारोबारियों और नौकरीपेशा दोनों ही तरह के लोगों के लिए अच्छे होंगे, ऐसी उम्मीद जाग रही है। यह जरूरी भी है, तभी दुनिया चल पाएगी और देश फिर से तरक्की की राह पर चलने लगेगा। आम आदमी तो साइकिल पर ही चलता है।
एक सामान्य साइकिल को बिजली की साइकिल बनाने को लेकर एक आशा भरी खबर आई है। सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति साधारण सी साइकिल में पैडल के ऊपरी ओर एक छोटा सा उपकरण लगाता है और कुछ ही मिनट में उसे ई-साइकिल बना देता है। इस ई-साइकिल की बैटरी बीस मिनट के अंदर 50 प्रतिशत तक चार्ज हो जाती है।
पूरी चार्ज होने पर साइकिल 26 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से 40 किमी तक चलती है। उस पर 170 किलो तक वजन रखा जा सकता है यानी एक व्यक्ति आराम से पीछे बैठ सकता है। आम आदमी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह ई-साइकिल बहुत उपयोगी साबित होने वाली है। ध्रुव विद्युत इलेक्ट्रिक कन्वर्जन किट लगते ही साइकिल हवा से बातें करने लगती है।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने इस ई-किट में रुचि दिखाई है। महिंद्रा जुगाड़ और आम आदमी से जुड़े आविष्कारों में खासी दिलचस्पी दिखाते हैं। अपने ट्विटर पर इस साइकिल का वीडियो शेयर करते हुए आनंद महिंद्रा लिखते हैं कि यह उपकरण आग और कीचड़ दोनों ही स्थितियों से बेअसर रहता है और काफी हल्का है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि ऐसा नहीं कि यह दुनिया का पहला उपकरण है, लेकिन इसका डिजाइन कॉम्पेक्ट है और यह साइकिल को ऊबड़ खाबड़ रास्ते पर भी चलाने में सक्षम है। तीसरे, इस उपकरण की मदद से साइकिल सवार अपना मोबाइल भी चार्ज कर सकता है। महिंद्रा ने इस प्रोजेम्ट में पैसा लगाने की इच्छा भी जाहिर की है। इस उपकरण में उन्हें जो चीज सबसे ज्यादा पसंद आई वो यह कि इससे भारत के आम आदमी की जिंदगी को आसान और कुशल बनाया जा सकता है। यह देश के मेहनती लोगों के लिए वरदान साबित होगी। बात सही भी है, क्योंकि मौजूदा ई-बाइक या ई-स्कूटरों की कीमत 50 हजार से कुछ लाखों तक है। ऐसे में मात्र एक किट लगाकर ई-साइकिल की कल्पना ही उत्साह पैदा करती है।
नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं।
ईमेल: narvijayindia@gmail.com