इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के आजीवन सदस्य अश्वनी कुमार जैन ने विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर बताया कि विपरीत परिस्थितियों में भी जरूरतमंदों को पहुंचता रहा रक्त

फिरोजाबाद:- इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के आजीवन सदस्य अश्वनी कुमार जैन ने विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर बताया कि विपरीत परिस्थितियों में भी जरूरतमंदों को पहुंचता रहा रक्त, इस भावना से रक्तदान एक महादान है।

इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के आजीवन सदस्य अश्वनी कुमार जैन ने विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर बताया कि विपरीत परिस्थितियों में भी जरूरतमंदों को पहुंचता रहा रक्त

फिरोजाबाद:- इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के आजीवन सदस्य अश्वनी कुमार जैन ने विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर बताया कि विपरीत परिस्थितियों में भी जरूरतमंदों को पहुंचता रहा रक्त,

इस भावना से रक्तदान एक महादान है। सम्पूर्ण विश्व में 14 जून 2023 को प्रतिवर्ष की भांति विश्व रक्तदाता दिवस विशेष थीम के साथ मनाया जा रहा है। सर्वप्रथम विश्व रक्तदाता दिवस सन 2005 में मनाने की शुरूआत की गयी थी। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य

है खून की कमी से व्यक्तियों की जान न जाए एवं सभी रक्त दाताओं की सराहना करना और रक्त दान के लिए प्रेरित करना है। सर्वप्रथम विश्व रक्त दाता दिवस 14 जून, 2005 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से मनाया गया था।

जिसके बाद सभी देशों ने इस अभियान को अपनाया गया। वर्ष 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस के लिए एक खास थीम तय की गयी थी जिसका टैग था

सुरक्षित रक्तदान बचाए लोगों की जान। इस बार 2023  की थीम खून दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, अक्सर साझा करो। विश्व रक्तदाता दिवस का उद्देश्य है रक्तदाताओं की सराहना करना एवं सभी व्यक्तियों को रक्तदान के लिए जागरूक करना एवं

सुरक्षित रक्त के महत्व के बारे में सभी लोगों को जानकारी देना। कोविड के दौरान भी कई ब्लड बैंक जरूरतमंदों को रक्त दान

करके उनकी जीवन बचाए है। एक अध्ययन के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष 41 मिलियन यूनिट रक्त की कमी होती है। ऐसे में सभी को निरंतर रक्त दान महादान करके व्यक्तियों की जान बचानी चाहिए।


अश्वनी जैन ने बताया कि रक्तदान करने से स्वंय को एक विशिष्ट सुखद अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि व्यक्तियों में रक्तदान के विषय में कुछ गलतफहमियां जैसे  रक्तदान करने से शरीर कमजोर हो जाता है और उस रक्त की भरपाई होने में समय लगता है,

नियमित रक्त दान करने से रोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने के कारण उन्हें बीमारियां शीघ्र जकड़ लेती है। उन्होंने बताया कि रक्तदान के सम्बंध में चिकित्सा विज्ञान बताता है कि वह व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के मध्य एवं वजन 45 किलोग्राम

से अधिक हो, जिसे एच आई वी, हैपैटाइटिस बी या सी जैसी बीमारी न हुई हो, वह रक्तदान कर सकता है। एक बार में जो 350

मिलीग्राम रक्त दिया जाता है। उसकी पूर्ति शरीर में 24 घण्टे के अन्दर हो जाती है और गुणवत्ता की पूर्ति 21 दिनों के अन्दर हो जाती है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकता है।