श्रीकृष्ण का 5251वां प्राकट्य दिवस

वृन्दावन।रुक्मिणी विहार रोड़ (निकट केशव धाम) स्थित भागवत पीठ आश्रम में सत्य सनातन सेवार्थ संस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट,वृन्दावन के द्वारा श्रावण मास के पावन उपलक्ष्य में चल रहे सप्त दिवसीय 27वां श्रावण झूलन महोत्सव

श्रीकृष्ण का 5251वां प्राकट्य दिवस

समस्त सनातन धर्मावलंबी 26 अगस्त को घंटे-घड़ियाल और ढोल बजाकर मनाएं श्रीकृष्ण का 5251वां प्राकट्य दिवस

वृन्दावन।रुक्मिणी विहार रोड़ (निकट केशव धाम) स्थित भागवत पीठ आश्रम में सत्य सनातन सेवार्थ संस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट,वृन्दावन के द्वारा श्रावण मास के पावन उपलक्ष्य में चल रहे सप्त दिवसीय 27वां श्रावण झूलन महोत्सव के अंतर्गत श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में व्यासपीठ से विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता एवं आचार्य/भागवत पीठाधीश्वर वैष्णवाचार्य मारुति नंदनाचार्य "वागीशजी" महाराज ने देश-विदेश से आए सभी भक्तों-श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणि विवाह की कथा श्रवण कराई।साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणि की अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई।साथ ही विवाह से संबंधित भजनों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।जिस पर सभी भक्तों-श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया।


आचार्य/भागवत पीठाधीश्वर वैष्णवाचार्य मारुति नंदनाचार्य "वागीशजी" महाराज ने व्यास पीठ से समस्त सनातनी धर्मावलंबियों से अपील करते हुए कहा कि दिनांक 26 अगस्त को सभी कृष्ण प्रेमी भक्त अपने-अपने घरों में रात्रि 12:00 बजे घंटे घड़ियाल ढोल आदि बजाकर भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां प्राकट्य दिवस मनाए।

इस वर्ष श्रीकृष्ण का 5251वां प्राकट्य दिवस है।हम चाहते हैं कि मथुरा की ब्रज तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से वैश्विक पटल पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की महिमा स्थापित हो।महोत्सव के अंतर्गत श्रावण मास के पावन अवसर 5100  पार्थिव शिवलिंगों का रुद्राभिषेक व कमल पुष्प अर्चना आदि के अनुष्ठान किए गए।तत्पश्चात् नवोदित विद्यार्थी प्रवचन प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न हुआ।जिसमें लगभग 50 संस्कृत छात्रों ने भाग लिया।

इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, युवराज श्रीधराचार्य महाराज, डॉ. राधाकांत शर्मा, आचार्य भरत शास्त्री, अरुण बंसल (हिमाचल प्रदेश) आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।